पटना: बिहार सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए नई योजना ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को हरी झंडी दी गई. इसका उद्देश्य राज्य के हर परिवार की एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करना है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर पहल की जा रही है. उन्होंने भरोसा जताया कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि मजबूरी में लोगों को रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े. महिलाओं की मेहनत और आत्मनिर्भरता से बिहार की प्रगति और भी तेज होगी.”
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योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं. राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए ₹10,000 की पहली किस्त दी जाएगी. यह राशि मुफ्त है और महिला को इसे वापस नहीं करना होगा. आवेदन प्रक्रिया और योजना की संपूर्ण व्यवस्था ग्रामीण विकास विभाग के जरिए की जाएगी. जरूरत पड़ने पर नगर विकास एवं आवास विभाग भी सहयोग करेगा.
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योजना का लाभ सितंबर 2025 से महिलाओं के बैंक खातों में राशि हस्तांतरित करके शुरू किया जाएगा. रोजगार शुरू करने के छह माह बाद आकलन कर उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाली महिलाओं को ₹2,00,000 तक की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जा सकेगी. इसके अलावा, महिलाओं के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए गांव से लेकर शहर तक हाट-बाजार विकसित किए जाएंगे.
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह योजना बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम मानी जा रही है. इससे न केवल महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिलाएं अपने हुनर और मेहनत के दम पर आत्मनिर्भर बनें और आर्थिक रूप से सशक्त हों.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि योजना के तहत महिला उद्यमियों को हर संभव मदद मिलेगी ताकि वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक शुरू कर सकें. राज्य सरकार ने यह कदम महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें समाज में सशक्त बनाने के लिए उठाया है.
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इस योजना से बिहार में महिलाओं की उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी. योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में महिलाएं मजबूरी में रोजगार के लिए बाहर न जाएं और अपनी मेहनत से खुद की और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें.