पटना/शेखपुरा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक में कुल 26 एजेंडों पर मुहर लगी, जिनमें से एक अहम और ध्यान खींचने वाला फैसला शेखपुरा के कनीय असैनिक न्यायाधीश आनंद अभिषेक के सेवा से बर्खास्त किए जाने का रहा.
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मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट ने शेखपुरा में पदस्थापित परीक्ष्यमान कनीय असैनिक न्यायाधीश आनंद अभिषेक को सेवा से विमुक्त किए जाने की स्वीकृति प्रदान की. यह कार्रवाई विभागीय प्रक्रिया के तहत की गई है और आदेश जारी होने के बाद अब आनंद अभिषेक की सेवा समाप्त मानी जाएगी.
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हालांकि, विभाग की ओर से बर्खास्तगी के विस्तृत कारणों का आधिकारिक खुलासा अभी नहीं किया गया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसे एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील निर्णय माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, आनंद अभिषेक पर अधिवक्ताओं और न्यायिक कर्मियों के साथ अनुचित व्यवहार या बदतमीजी करने के आरोप थे. हालांकि इस मामले की सटीक सच्चाई और आरोपों की पुष्टि अभी स्पष्ट नहीं हुई है.
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इस कदम को न्यायिक प्रशासन में अनुशासन और जिम्मेदारी बनाए रखने की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है. कैबिनेट के अन्य एजेंडों में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनसे राज्य प्रशासनिक कार्यों में सुधार और कुशल संचालन की उम्मीद जताई जा रही है.
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बिहार सरकार की यह कार्रवाई राज्य के न्यायिक और प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने की दिशा में एक संकेत के रूप में देखी जा रही है.
रिपोर्ट: शिवचंद्र प्रताप, शेखपुरा.