पटना: बिहार सरकार ने किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ाने पर मुहर लगाई गई. अब किसान सलाहकारों को 13 हज़ार रुपये के बजाय 21 हज़ार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा.
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सरकार का कहना है कि किसान सलाहकार गांव-गांव में आधुनिक खेती का रास्ता दिखाने वाले वाहक हैं. वे किसानों तक नई तकनीक, वैज्ञानिक पद्धतियों और योजनाओं की जानकारी पहुंचाते हैं. यही कारण है कि उनके मानदेय में बढ़ोतरी कर उन्हें और मजबूत बनाने का प्रयास किया गया है.
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उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसान सलाहकारों से किया गया वादा पूरा किया गया है. उन्होंने बताया कि किसान सलाहकार सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं रहते, बल्कि सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.
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किसान सलाहकारों की जिम्मेदारियों में बीज वितरण, नई कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण, मृदा नमूना संग्रहण और मृदा कार्ड तैयार करना शामिल है. इसके अलावा वे किसान चौपाल के माध्यम से योजनाओं की जानकारी देते हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि यांत्रिकरण योजना और फसल जांच में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रहती है.
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स्थानीय किसानों का मानना है कि मानदेय बढ़ने से अब सलाहकार और भी बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे. इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा और कृषि उत्पादन में सुधार आएगा.
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सरकार को उम्मीद है कि यह निर्णय बिहार की कृषि व्यवस्था को नई दिशा देगा. मजबूत किसान ही विकसित बिहार की नींव रख सकते हैं और यही लक्ष्य इस फैसले से हासिल करने की कोशिश की गई है.
