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पंचशील वेलिंगटन, खतरों का घर, सुविधाओं के नाम पर सिर्फ वादा, हकीकत में बदहाली

गाजियाबाद: एक सपनों का घर खरीदना किसी भी परिवार के लिए जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है. लेकिन क्रॉसिंग रिपब्लिक की पंचशील वेलिंगटन सोसाइटी में यह सपना एक बुरे अनुभव में बदल गया है. यहाँ रहने वाले निवासियों को सिर्फ घटिया निर्माण और खराब मेंटेनेंस ही नहीं, बल्कि कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी हैं. इन्हीं सब आरोपों के साथ सोसायटी के बच्चों, महिलाओं और पुरूषों ने धरना प्रदर्शन किया.

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जर्जर होती बिल्डिंग और बदहाल पार्क

निवासियों का आरोप है कि सोसाइटी की बिल्डिंग की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. जगह-जगह से प्लास्टर गिर रहा है, और कई बार तो बिल्डिंग का मलबा गिरने से लोगों की जान जाते-जाते बची है. लिफ्ट जैसी जरूरी सुविधाएँ भी अक्सर खराब रहती हैं. यह सिर्फ एक असुविधा नहीं, बल्कि निवासियों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक बड़ा खतरा है.

इसके अलावा, निवासियों का आरोप है कि सोसाइटी के पार्कों की हालत भी बेहद खराब है. जो पार्क बच्चों के खेलने और परिवार के समय बिताने के लिए बनाए गए थे, अब वह पार्किंग का शिकार हो रहे हैं. पार्कों में गंदगी और टूटे-फूटे झूले बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं.

सुरक्षा में सेंध और दुर्गंध से भरा बेसमेंट

निवासियों का आरोप है कि सोसाइटी के बेसमेंट में कचरे के ढेरों से आने वाली सड़कों की दुर्गंध ने निवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है. यह दुर्गंध न सिर्फ लोगों को परेशान करती है, बल्कि यह कई बीमारियों को भी जन्म दे रही है. इसके साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था भी बदहाल है: सिक्योरिटी गार्ड्स की संख्या में कमी है, सभी सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं, और इंटरकॉम की सुविधा भी काम नहीं कर रही है.

बिल्डर की लापरवाही, निवासियों का संघर्ष

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इन सभी समस्याओं के बारे में बिल्डर और मेंटेनेंस टीम को कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. बिल्डर ने सोसाइटी को मेंटेनेंस के नाम पर सिर्फ वादे दिए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सोसाइटी बिल्डर ने अभी तक AOA को हैंडओवर नहीं करी है मेंटेनेंस का सारा पैसा बिल्डर के पास जाता है. अब निवासी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और उनके पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.

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