कैमूर: जिले के दुर्गावती थाना क्षेत्र में रविवार को पुलिस ने शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने पीछा कर दो लग्जरी गाड़ियों से 1146 लीटर शराब बरामद की. आश्चर्य की बात यह रही कि दोनों वाहनों पर “बिहार सरकार” और “बिहार सरकार जिला लोकपाल बोर्ड” का बोर्ड लगा हुआ था, ताकि जांच से बचा जा सके.
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जानकारी के अनुसार, दुर्गावती थानाध्यक्ष गिरीश कुमार और एंटी लीकर टास्क फोर्स प्रभारी विनय कुमार को सूचना मिली थी कि शराब की भारी खेप यूपी से बिहार लाई जा रही है. सूचना मिलते ही टीम सक्रिय हुई और संदिग्ध गाड़ियों का पीछा शुरू किया. पुलिस को देखकर दोनों तस्कर अपनी गाड़ियों को एनएच-19 से उतारकर सावठ गांव की ओर ले भागे, लेकिन घेराबंदी कर दोनों को धर दबोचा गया.
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वाहनों की तलाशी में बड़ी मात्रा में ब्रांडेड शराब की पेटियां बरामद हुईं. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुपौल जिले के करजाइन बाजार निवासी चंद्रमेव मेहता और पश्चिम चंपारण के सिरसिया गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है. दोनों आरोपी काली स्कॉर्पियो और सफेद SUV में शराब लादकर मोहनिया की ओर बढ़ रहे थे.
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पुलिस ने दोनों लग्जरी वाहनों को जब्त कर आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह के पीछे कौन-कौन लोग जुड़े हैं, इसकी पड़ताल जारी है.
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इस संबंध में दुर्गावती प्रखंड प्रमुख श्याम कुमार शाह ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई काबिले तारीफ़ है. उन्होंने कहा कि तस्कर सरकारी बोर्ड का इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह करने और जांच से बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया.
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ग्रामीणों ने भी इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि इस तरह की सख्ती से ही शराबबंदी कानून को सफल बनाया जा सकता है. फिलहाल पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और नेटवर्क के अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है.
रिपोर्ट: अजीत कुमार, कैमूर.
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