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Jamui : विकास के ढोल, पर अन्नदाता की पत्नी को न मिला स्ट्रेचर!

जमुई : गरीब-अन्नदाता, जो खेतों में दिन-रात मेहनत कर देश का पेट भरते हैं, उनकी अपनी पत्नी तक को सरकारी अस्पताल में सम्मान और सुविधा नहीं मिल पा रही है. रविवार को जमुई सदर अस्पताल में घटी एक घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी.

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हवेली खड़गपुर के किसान पुरण तुरी अपनी दो महीने की गर्भवती पत्नी सविता देवी को गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे. अचानक ब्लीडिंग शुरू होने पर डॉक्टरों ने खून की कमी बताई और तत्काल ब्लड चढ़ाने की जरूरत बताई.

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परिजनों ने ब्लड बैंक से ब्लड का इंतजाम किया, लेकिन घंटों की देरी और डॉक्टर-नर्स की लापरवाही ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. हालत गंभीर होने पर महिला को पटना रेफर कर दिया गया. इसी बीच सबसे शर्मनाक दृश्य सामने आया—अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध न होने के कारण पति को अपनी गर्भवती पत्नी को गोद में उठाकर पहले नीचे और फिर मजबूरी में दूसरी मंजिल तक चढ़ाना पड़ा.

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पत्रकारों के सवालों पर नर्स मंजू ने लापरवाही स्वीकार की लेकिन जिम्मेदारी सुबह ड्यूटी पर तैनात नर्सों पर डाल दी. वहीं, नर्स शौभा ने कहा कि डॉक्टर की अनुपस्थिति में ब्लड चढ़ाना संभव नहीं था. परिजनों और अन्य मरीजों ने आरोप लगाया कि सुबह से ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल में मौजूद ही नहीं थीं.

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अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडे ने तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर ब्लड चढ़ाने का निर्देश दिया. लेकिन यह पूरा घटनाक्रम एक बड़ा सवाल खड़ा करता है— अगर अन्नदाता की पत्नी को भी अस्पताल में स्ट्रेचर और इलाज जैसी बुनियादी सुविधा नहीं मिलेगी, तो आम मरीजों का क्या होगा?

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स्थानीय लोगों ने दोषी कर्मियों पर कार्रवाई और अस्पताल में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता की मांग की है.

विवेक कुमार – जमुई

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