गोपालगंज : साइबर ठगों की एक चतुर साजिश का खुलासा गोपालगंज में हुआ है.स्थानीय एसपी अवधेश दीक्षित के सरकारी नंबर पर 12 अगस्त की शाम करीब 7 बजे एक मैसेज और कॉल प्राप्त हुआ.इसमें खुद को मुख्यमंत्री सचिवालय का ओएसडी डॉ. गोपाल सिंह बताने वाले व्यक्ति ने एक दारोगा को एसएचओ बनाने की सिफारिश की.
Ara : अब खत्म हुआ भोजपुर का खौफ! AK-47 की गूंज से राहत!
एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर थाना को तुरंत जांच का निर्देश दिया.जांच में पाया गया कि कॉल और मैसेज पूरी तरह फर्जी थे और साइबर ठगी की नीयत से भेजे गए थे.तकनीकी विश्लेषण और जांच के बाद साइबर थाना की टीम ने फर्जी संदेश भेजने वाले की पहचान कर ली है.
Politics : मंदिर से वोटर अधिकार की शुरुआत – राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा!
साइबर थाना प्रभारी डीएसपी अवंतिका दिलीप कुमार ने बताया कि आरोपी ने सरकारी अधिकारी बनकर पुलिस सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश की थी.प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि यह अकेले का काम नहीं था, बल्कि संगठित गिरोह द्वारा की गई साजिश हो सकती है.
Ara : अब खत्म हुआ भोजपुर का खौफ! AK-47 की गूंज से राहत!
जांच के दौरान जिस दारोगा का नाम फर्जी सिफारिश में लिया गया, उस पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या वह इस साजिश में शामिल था या उसका नाम अनजाने में इस्तेमाल किया गया.
Crime : मंत्री के काफिले की गाड़ी ने श्रद्धालुओं को रौंदा… पुलिस और प्रशासन देखती रही!
एसपी अवधेश दीक्षित ने स्पष्ट कहा, “ऐसी फर्जी पैरवी और साइबर ठगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.” अधिकारियों ने नागरिकों से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की है.
Munger : शराब की लूट, पुलिस सोती रही!
गोपालगंज पुलिस का कहना है कि इस मामले से यह साफ हुआ है कि साइबर ठग सरकारी सिस्टम और पुलिस में सेंध लगाने के लिए लगातार नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं.ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई और तकनीकी जांच ही अपराधियों को पकड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है.
अनुज कुमार- गोपालगंज
Leave a Reply