आरा : जन्माष्टमी के पावन अवसर पर चौकीपुर गांव में दही-हांडी महोत्सव का आयोजन बड़े उत्साह और जोश के साथ किया गया.गांव के मुख्य मैदान में 20 फीट ऊँचाई पर हांडी बांधी गई थी.इसे फोड़ने के लिए कई युवा टोलियाँ “गोविंदा आला रे” के नारों के साथ मैदान में उतरीं और पिरामिड बनाकर हांडी तक पहुँचने का साहसिक प्रयास किया.
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युवाओं का गिरना और फिर उठ खड़े होना इस उत्सव की सबसे रोमांचक विशेषता रहा.कई प्रयासों के बाद एक टीम ने हांडी को तोड़कर जीत हासिल की.जैसे ही हांडी टूटी, पूरे मैदान में तालियों और जयकारों की गूंज फैल गई.इस दौरान गांव की महिलाएं, बच्चे और आसपास के लोग भी उत्सव में शामिल होकर आनंद लेते रहे.
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आरा में दही-हांडी महोत्सव को सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक साहसिक खेल के रूप में भी देखा जाता है.आयोजकों ने सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा.खिलाड़ियों के गिरने पर गद्दों और पानी का प्रबंध किया गया ताकि किसी को चोट न लगे. महोत्सव के दौरान गांव में मेला जैसा माहौल रहा. खाने-पीने के स्टॉल, बच्चों के झूले और खेलों की व्यवस्था भी की गई.विजेता टीम को सम्मानित किया गया और सभी प्रतिभागियों को स्मृति-चिह्न तथा प्रमाण पत्र वितरित किए गए.
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इस आयोजन ने चौकीपुर गांव ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्र में भी एकता, उत्साह और टीमवर्क की भावना को बढ़ावा दिया.इस महोत्सव में मुख्य प्रतिभागियों में राजदयाल पासवान, रौशन चौधरी, सोनू कुमार त्रिभुवन, विशाल गोलू, शनि कुमार, भोला, धनंजय, चंदन कुमार, सुनील कुमार, प्रद्युम्न कुमार, अंशु, विशाल, छोटू, आशुतोष, शिवम, बिकी, छोटू राजा, विश्राम, मलू, अंकु, आयुष, प्रेंस, बिकी मोहित, छोटू, अमित, पीयूष, रामचंद्र, रामकुमार, चुन्नू, हेमंत कुमार, संतोष, जियालाल उर्फ रितेश, नीरज कुमार टुनटुन पासवान और लंबू उर्फ सागर शामिल थे.

ओ.पी. पांडेय – आरा
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