किशोरावस्था में हड्डियों की ग्रोथ सबसे तेज़ होती है . इसी समय खेल-कूद, शारीरिक एक्टिविटी और खेल प्रतियोगिताओं का दबाव भी बढ़ता है . अगर इस उम्र में हड्डियों को पर्याप्त पोषण और सही देखभाल न मिले, तो चोट और दर्द की संभावना कई गुना बढ़ जाती है . Doctor’s Advice: किशोरों में क्यों बढ़ रही अनिद्रा?
ग्रोथ के समय चोट का खतरा
एम्स (AIIMS) के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अनिल कुमार कहते हैं, “13 से 19 साल के बच्चों में हड्डियां लंबाई और घनत्व, दोनों में तेजी से बढ़ती हैं . इस दौरान लिगामेंट और मसल्स का संतुलन बदलता है, जिससे स्पोर्ट्स इंजरी का खतरा बढ़ जाता है . छोटी सी गिरावट भी फ्रैक्चर या मोच में बदल सकती है .” Expert Advice: Teenagers And Sexual health चुप्पी क्यों है खतरनाक?
कैल्शियम और विटामिन D – हड्डियों के साथी
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. कविता सिंह बताती हैं, “भारत में 70% किशोरों में विटामिन D की कमी पाई जाती है, जिसकी वजह है धूप से दूरी और खराब डाइट . दूध, दही, पनीर, हरी सब्ज़ियां, और रोज़ 15-20 मिनट धूप लेना हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है .”
कैल्शियम और विटामिन D की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं, जिससे स्पोर्ट्स इंजरी का खतरा और बढ़ जाता है .
गलत पोस्चर से पीठ की समस्या
आजकल बच्चों में झुकी हुई पीठ, बैक पेन और स्कोलियोसिस जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं .
डॉ. कुमार कहते हैं, “लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप पर झुककर बैठने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है . कम उम्र में ही क्रॉनिक बैक पेन की शिकायत मिलने लगी है .”
कैसे रखें हड्डियां स्वस्थ?
- संतुलित डाइट: दूध, दही, हरी सब्ज़ियां, बादाम, अंडा
- धूप में समय बिताना – विटामिन D के लिए
- खेल से पहले स्ट्रेचिंग और वार्म-अप
- स्क्रीन टाइम कम करना और सही पोस्चर अपनाना
- चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर से जांच कराना

डॉ. कविता सिंह का सुझाव है, “किशोरावस्था में जो हड्डियां मजबूत बनती हैं, वही जिंदगी भर सहारा देती हैं . इस समय की लापरवाही आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस और जोड़ों के दर्द में बदल सकती है .”
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