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तेघड़ा से रीना कुमारी: जेडीयू से इनको टिकट क्यों मिलना चाहिए?

बेगुसराय: बिहार में सियासी महाभारत शुरू हो चुका है. सभी दल एक दूसरे पर बयानों के बाण छोड़ रहे हैं. आरोपों के तीर से विरोधियों को पस्त करने की रणनीति के साथ जमीन पर मजबूत उम्मीदवारों पर सियासी दलों का फोकस है. हर विधानसभा से सभी दल अपने मजबूत उम्मीदवार की तलाश में हैं.

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बात बेगुसराय के तेघड़ा से

बेगुसराय जिले के तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र से जनता दल (यू) की जानी-मानी महिला नेता रीना कुमारी (चौधरी) ने 2025 के विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है. वर्ष 2008 में जदयू की सदस्यता लेकर राजनीति में कदम रखने वाली रीना कुमारी लगातार संगठन के भीतर सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं और विभिन्न जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया है. रीना कुमारी, पूर्व स०वि०स० और बरौनी विधानसभा से जुड़े वरिष्ठ नेता राजेन्द्र प्रसाद सिंह की पुत्री हैं.

इनको टिकट क्यों मिलना चाहिए?

सुशिक्षित उम्मीदवार

बी.ए. (ऑनर्स) और एलएल.बी. की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने समाज सेवा और राजनीति में सक्रिय योगदान शुरू किया. शिक्षा और पलायन कैसे रुके इस पर इनका फोकस है.

राजनीतिक सफर

  • 2008 से 2014 तक जदयू की जमीनी कार्यकर्ता के रूप में संगठन को मजबूत किया.
  • 2014 से 2017 तक बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य रहीं.
  • 2017 से 2019 तक जदयू महिला प्रकोष्ठ की महासचिव के रूप में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया.
  • 2019 से 2020 तक समाज सुधार वाहिनी की महासचिव के रूप में कार्य किया.
  • 2021 से अब तक जदयू की प्रदेश सचिव के रूप में पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने का काम कर रही हैं.
  • प्रदेश सचिव रहते हुए उन्हें मुजफ्फरपुर नगर और समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया, जहां उन्होंने संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई.
  • वर्ष 2025 में पुनः समस्तीपुर विधानसभा का प्रभारी बनने के बाद उनका राजनीतिक प्रभाव और बढ़ा है.

रीना कुमारी का कहना है, “मेरे लिए राजनीति जनता की सेवा का माध्यम है. तेघड़ा की जनता का आशीर्वाद और विश्वास मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत है.”

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जदयू में उनकी संगठन क्षमता, महिला वर्ग में पकड़ और जमीनी जुड़ाव को देखते हुए उन्हें तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है. स्थानीय स्तर पर भी उनके समर्थन में लोगों की सक्रियता दिखाई दे रही है.

सियासत में जीत व हार भविष्य के गर्भ में है लेकिन दावेदारी, आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.

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