Health Advice: आज के डिजिटल युग में हेल्थ टिप्स की बाढ़ आई हुई है सोशल मीडिया, यूट्यूब और मैसेजिंग ऐप्स पर हर दिन नए-नए घरेलू नुस्खे वायरल होते हैं — “नींबू और बेकिंग सोडा से कैंसर ठीक करें”, “हल्दी–दूध से हर बीमारी गायब”, या “सिर्फ लौंग चबाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल” जैसे दावे लोगों को लुभाते हैं. Health Care: जब डॉक्टर ने कहा कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है..!
Health Care: जब डॉक्टर ने कहा कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है..!
लेकिन क्या ये नुस्खे सच में असरदार हैं या फिर बस आधी-अधूरी जानकारी से फैलाया गया भ्रम? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने एलोपैथी, होम्योपैथी और नेचुरोपैथी के वरिष्ठ डॉक्टरों से बात की आइए जानते हैं इन वायरल घरेलू नुस्खों की सच्चाई, विशेषज्ञों की नजर से.
एलोपैथी की नजर में: “साइंस को नजरअंदाज करना खतरनाक”
डॉ. नीरा शर्मा, वरिष्ठ फिजीशियन, AIIMS दिल्ली, साफ़ कहती हैं,
“कई वायरल नुस्खों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता जैसे – नींबू और बेकिंग सोडा से कैंसर ठीक होने का दावा न सिर्फ़ गलत है बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है”.
उनके मुताबिक हल्की सर्दी-खांसी में कुछ घरेलू उपाय मदद कर सकते हैं, लेकिन गंभीर बीमारियों में मेडिकल ट्रीटमेंट के बिना घरेलू नुस्खों पर निर्भर रहना जोखिम भरा है वह यह भी बताती हैं कि सोशल मीडिया पर फैली हेल्थ जानकारी को आंख मूंदकर अपनाना नहीं चाहिए
होम्योपैथी की सलाह: “हर किसी को एक जैसा असर नहीं”
डॉ. अनुराग मेहता, होम्योपैथिक विशेषज्ञ (लखनऊ) कहते हैं,
“कुछ नुस्खे जैसे तुलसी, अदरक, या शहद से इम्युनिटी को सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन इनका असर व्यक्ति की शारीरिक संरचना, आयु और बीमारियों पर निर्भर करता है”
उनका कहना है कि होम्योपैथी में भी प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल होता है, लेकिन ये डॉक्टर द्वारा मरीज की पूरी हिस्ट्री जानने के बाद दिए जाते हैं वायरल वीडियो या फॉरवर्ड मैसेज के भरोसे इलाज करना एक बड़ी भूल हो सकती है
नेचुरोपैथी की चेतावनी: “प्राकृतिक भी ज़हर बन सकता है”
- प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुजाता राठी (पुणे) बताती हैं,
- “घरेलू उपाय, जैसे एलोवेरा, नीम या हल्दी, शरीर की रिकवरी को सपोर्ट करते हैं, लेकिन इनकी सही मात्रा और समय का ध्यान रखना बेहद जरूरी है”
वह कहती हैं कि कई बार ‘प्राकृतिक’ समझे जाने वाले तत्व भी साइड इफेक्ट्स दे सकते हैं जैसे – ज्यादा मात्रा में कच्ची हल्दी का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है
विशेषज्ञों की सामूहिक सलाह: वायरल नुस्खों से पहले करें ‘फैक्ट चेक’
तीनों पद्धतियों के विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि घरेलू नुस्खे:
- सहायक हो सकते हैं, लेकिन इलाज नहीं
- बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं अपनाने चाहिए
- हर व्यक्ति पर अलग असर करते हैं
- सोशल मीडिया की जानकारी को हमेशा क्रॉस-चेक करना चाहिए
आप क्या कर सकते हैं?
- वायरल हेल्थ नुस्खों को अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें
- विश्वसनीय स्रोत जैसे WHO, ICMR या स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट्स से जानकारी जांचें
- किसी भी घरेलू उपाय को मुख्य इलाज का विकल्प न समझें
- फॉरवर्ड मैसेज या रील्स से मिली हेल्थ जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर परखें

वायरल घरेलू नुस्खे अक्सर आसान समाधान का वादा करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और होती है किसी की निजी अनुभव या अधूरी जानकारी पर भरोसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है विशेषज्ञों की राय साफ है — घरेलू नुस्खों को गंभीरता से तभी लें जब वे प्रमाणिक हों और किसी डॉक्टर की सलाह के बाद अपनाए जाएं
अगली बार जब कोई नुस्खा ‘100% गारंटी’ का दावा करे, तो ठहरें, सोचें और जांचें – क्योंकि आपकी सेहत किसी ट्रेंड से बड़ी है!
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