पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 41 प्रस्तावों पर मुहर लगी. पत्रकारों की पेंशन योजना की राशि 6,000 से बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रतिमाह कर दी गई. बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के गठन को मंजूरी दी गई. यह फैसला सफाई कर्मियों को संगठित करने के लिए अहम माना जा रहा है.
ड्यूटी से लगातार गैरहाजिर रहने के कारण 7 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. प्राथमिक स्कूलों के निर्माण के लिए 270 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई. गन्ना उद्योग विभाग की भर्ती सेवा नियमावली को मंजूरी मिली. बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण और बिहार पशु चिकित्सा सेवा नियमावली को भी स्वीकृति दी गई.
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन को मंजूरी मिली. बिहार राज्य युवा आयोग के 6 नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई. विधानसभा सदस्यों, न्यायिक सेवा और राज्य सेवा के अधिकारियों, कमी आश्रितों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से कराई गई चिकित्सा का खर्च मिलेगा.
इससे पहले 15 जुलाई को हुई बैठक में एक करोड़ नौकरी और रोजगार को लेकर 12 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति के गठन को मंजूरी दी गई थी. समिति की अध्यक्षता विकास आयुक्त करेंगे. कोसी नहर की सिंचाई और जल प्रबंधन के लिए 8,000 करोड़ रुपए के निवेश को स्वीकृति मिली थी.
चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगे 77,895 बीएलओ और 8,245 बीएलओ सुपरवाइजरों को 6,000 रुपए एकमुश्त मानदेय देने का निर्णय लिया गया था. इसके लिए 51.68 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी. पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर के रखरखाव के लिए 179.37 करोड़ रुपए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दिए जाएंगे. उस बैठक में कुल 30 एजेंडों पर मुहर लगी थी.
18 जुलाई को हुई बैठक में आम उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. इस योजना पर 19,793 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत हुआ. यह सुविधा 1 अगस्त 2025 से लागू होगी.
विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद यह कैबिनेट बैठक हुई. माना जा रहा है कि चुनावी साल को देखते हुए मुख्यमंत्री लगातार आम जनता से जुड़े फैसले ले रहे हैं और उन्हें तेजी से कैबिनेट से पास भी करा रहे हैं.
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