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Chhapra : साहेब, शहीद के बेटे का फ़रियाद तो सुन लो!

छपरा:
कारगिल विजय दिवस पर मकेर के राजेन्द्र विधा मंदिर इंटर कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा हुई. यह आयोजन कारगिल युद्ध में शहीद हुए सारण जिले के एकमात्र सैनिक विशुनी राय की याद में किया गया. सभा में स्थानीय बुद्धिजीवी, समाजसेवी, वरीय नागरिक, मकेर थाना प्रभारी, स्कूल के शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

शहीद की पत्नी स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सकीं. उनके पुत्र रविश राज ने मंच से सरकार के रवैये पर नाराज़गी जताई. उन्होंने कहा, “सरकार ने शहीद विशुनी राय के नाम पर योजनाएं शुरू करने और मकेर चौक का नाम ‘विशुनी राय चौक’ रखने की घोषणा की थी. लेकिन अब तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ. सब कुछ कागज़ों में ही रह गया.”

रविश ने कहा कि यह उपेक्षा शहीद के परिवार के लिए अपमानजनक है. इससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश है.

विशुनी राय मकेर प्रखंड के बथुई गांव के निवासी थे. उन्होंने 13 जून 1999 को कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए शहादत दी. वे सारण जिले के अकेले सैनिक थे जो इस युद्ध में शहीद हुए. कारगिल युद्ध में कुल 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे.

श्रद्धांजलि सभा में शिक्षाविद अंबिका राय, रामदयाल शर्मा, प्राचार्य, थाना प्रभारी प्रमोद कुमार और विद्यालय के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. बच्चों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए. माहौल भावुक हो गया.

शहीद के परिजनों ने सरकार से मांग की कि शहीद के नाम पर की गई घोषणाएं जल्द पूरी की जाएं. ताकि उनकी शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सके.

रविश राज ने कहा, “आज तक किए गए किसी भी वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया. यह बहुत दुखद है. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द घोषणाओं को अमल में लाए.

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