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Teenage में प्यार की उलझनों से बच्चों को कैसे बचाएं?

Teenage Relationship Tips: यह जीवन का सबसे संवेदनशील और निर्णायक मोड़ होता है. इस उम्र में भावनाएँ तीव्र होती हैं. आत्म-छवि को लेकर असमंजस होता है. और नए रिश्तों को लेकर उत्सुकता भी चरम पर होती है. अक्सर देखा जाता है कि 13 से 19 वर्ष की उम्र में बच्चे ‘प्यार’ की ओर आकर्षित होकर पढ़ाई और करियर से भटक जाते हैं.

इस विषय पर बात करते हैं वरिष्ठ करियर एवं छात्र व्यवहार विशेषज्ञ डॉ. संजय अरोड़ा, जो नेशनल काउंसिल फॉर यूथ डेवलपमेंट (NCYD), नई दिल्ली में 20 वर्षों से बच्चों के मानसिक व करियर विकास पर कार्य कर रहे हैं.

क्या कहती है रिसर्च?

  • 60% किशोर पढ़ाई में गिरावट और लक्ष्य से भटकने का कारण “इमोशनल अटेचमेंट” बताते हैं.
  • 40% ने माना कि सोशल मीडिया और रिलेशनशिप ड्रामा उनका ध्यान बाँटते हैं.

Teenage Relationship Tips: समस्या की जड़: क्यों भटकते हैं टीनएज बच्चे?

डॉ. संजय अरोड़ा के अनुसार, ये हैं मुख्य कारण:

  1. भावनात्मक अपरिपक्वता — बच्चे भावनाओं को सही दिशा नहीं दे पाते
  2. करियर क्लैरिटी की कमी — उन्हें यह नहीं सिखाया जाता कि वे क्या बनना चाहते हैं
  3. घर में संवाद की कमी — माता-पिता सिर्फ अंक पूछते हैं, मन की बात नहीं
  4. सिनेमा और सोशल मीडिया का ग्लैमर — रिश्तों को रोमांटिक रूप में आदर्श बना दिया गया है
  5. आत्म-सम्मान की तलाश — बच्चे प्यार में ‘स्वीकृति’ ढूंढते हैं, जो उन्हें परिवार या समाज से नहीं मिलती Teenage Relationship Tips: उपाय: बच्चों को करियर ओरिएंटेड कैसे बनाएं?
  6. भावनात्मक शिक्षा (Emotional Education) दें बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि हर भावना जरूरी है, लेकिन उन्हें कैसे संभालना है — यह सीखना जरूरी है
    स्कूलों में ‘लाइफ स्किल्स’ विषय अनिवार्य होना चाहिए
  7. करियर गाइडेंस जल्द शुरू करें कक्षा 8 से ही Aptitude टेस्ट और करियर अवेयरनेस वर्कशॉप करवाई जाएं
    डॉ. अरोड़ा सलाह देते हैं कि हर छात्र का पर्सनलाइज्ड करियर प्लान तैयार किया जाना चाहिए
  8. माता-पिता को दोस्त बनना होगा संवाद का माहौल बनाएं, सिर्फ “कौन था फोन पर?” जैसे सवाल न पूछें
    किशोर बच्चे अपनी दुविधाएँ तभी साझा करेंगे जब उन्हें जज न किया जाए
  9. सोशल मीडिया की सीमाएं तय करें स्क्रीन टाइम को सीमित करें, लेकिन बातचीत से—not ज़बरदस्ती से
    परिवार में “डिजिटल डिटॉक्स डे” तय करें
  10. रोल मॉडल दिखाएं बच्चे उन्हीं को फॉलो करते हैं जिन्हें वे देख पाते हैं उन्हें युवा सफल लोगों की कहानियाँ, बायोपिक या लाइव सेशंस दिखाएं डॉ. संजय अरोड़ा की स्पेशल टिप्स:

“किशोरों को यह बताना जरूरी है कि प्यार एक भावना है, लेकिन करियर एक ज़िम्मेदारी अगर वो खुद को पहचान लेंगे, तो उन्हें गलत जगह अपनापन ढूँढने की जरूरत नहीं पड़ेगी ”

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टीनएज बच्चों को प्यार से नहीं, दिशा से रोका जा सकता है उन्हें दबाकर नहीं, समझाकर आगे बढ़ाया जा सकता है . अगर माता-पिता, स्कूल और काउंसलर्स मिलकर काम करें, तो हर किशोर अपने सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर हो सकता है — बिना भटकाव के.

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