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Cricket Info: 1996 के दौर की वो अजीब कहानी

किस्सा: गली, काउ कॉर्नर, थर्ड मैन, पॉइंट, कवर, मिडविकेट

Cricket Info: 1996 का पुरुष क्रिकेट एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) विश्व कप कई मायनों में क्रिकेट प्रेमियों को याद रहेगा. विश्व कप शुरू होने से ठीक पहले, तमिल टाइगर्स द्वारा कोलंबो के सेंट्रल बैंक में एक बड़ा बम विस्फोट किया गया था. इसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने मेज़बान श्रीलंका के साथ मैच खेलने के लिए अपनी टीमें भेजने से इनकार कर दिया . मैच श्रीलंका के पक्ष में रद्द कर दिए गए, जिससे वह बिना एक भी मैच खेले क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गया .

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यह पहला मौका था जब तीन देशों (भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका) को एक साथ विश्व कप की मेजबानी करने का मौका मिला . इससे पहले विश्व कप का आयोजन अधिकतम दो देशों की धरती पर ही होता था . 1987 में भारत ने पाकिस्तान के साथ विश्व कप की मेजबानी की थी, जबकि 1992 के विश्व कप की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने की थी .

1996 के विश्व कप को विल्स विश्व कप कहा गया था और यह आखिरी ऐसा संस्करण था जहाँ विश्व कप का नाम प्रायोजक कंपनी के नाम पर रखा गया था . 1999 से अब तक विश्व कप का नाम ICC विश्व कप ही है .

दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड के बीच मैच ऐसा पहला मैच था जिसमें किसी पारी में कोई अतिरिक्त रन नहीं दिया गया . दक्षिण अफ्रीकी पारी में कीवी गेंदबाज़ों ने कोई अतिरिक्त रन नहीं दिया .

श्रीलंकाई सलामी बल्लेबाज़ सनथ जयसूर्या और रोमेश कालूवितर्णा ने पहले 15 ओवरों में क्षेत्ररक्षण प्रतिबंधों का फ़ायदा उठाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाते हुए पिंच हिटिंग का इस्तेमाल किया .

कलकत्ता के ईडन गार्डन्स में श्रीलंका और भारत के बीच सेमीफाइनल मुकाबला दर्शकों के दुर्व्यवहार के कारण विश्व कप मैच रद्द करने का पहला मौका था . 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने अच्छी शुरुआत की और 98/1 के स्कोर पर था . इसके तुरंत बाद भारतीय बल्लेबाजी क्रम लड़खड़ा गया और स्कोर 120/8 हो गया . दर्शकों ने खेल के मैदान में बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं और मैच रेफरी क्लाइव लॉयड के पास मैच श्रीलंका को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा .

इस खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वार्न ग्रैंड फ़ाइनल में स्टंप आउट होने वाले पहले बल्लेबाज़ बने . यह मैच खिताब जीतने का पहला मौका भी बना जब किसी टीम ने खिताब की दौड़ में जीत हासिल की . यह छठा संस्करण था और पिछले पाँच संस्करणों में हर खिताबी मुकाबला रनों के अंतर से तय हुआ था . 1975 में, वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से हराया, ’79 में, वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 92 रनों से हराया, ’83 में, भारत ने तत्कालीन गत विजेता वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर सबको चौंका दिया, ’87 में, ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 7 रनों से हराया, जबकि 1992 के संस्करण में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराकर विश्व कप जीता .

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