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Agnikul Cosmos: क्या है और क्यों स्पेशल है?

Agnikul Cosmos: भारत की प्राइवेट स्पेस क्रांति

Agnikul Cosmos एक इंडियन स्पेस-टेक स्टार्टअप है, जिसकी शुरुआत 2017 में IIT मद्रास के कुछ उत्साही इंजीनियरों ने की थी. इसका मकसद है सैटेलाइट लॉन्च को सस्ता, तेज़ और आसान बनाना, ताकि छोटे कॉलेजेज़, स्टार्टअप्स, यहां तक कि स्कूल्स भी अपना खुद का सैटेलाइट स्पेस में भेज सकें.

अब तक देश में स्पेस लॉन्च का जिम्मा मुख्य रूप से ISRO के पास था, लेकिन Agnikul Cosmos जैसी प्राइवेट कंपनियां अब इसमें नई ऊर्जा लेकर आ रही हैं.

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Agnibaan SOrTeD: इंडिया का पहला स्वदेशी प्राइवेट रॉकेट

  • “Agnibaan SOrTeD” (Sub-Orbital Technology Demonstrator) नाम का यह रॉकेट Agnikul Cosmos का लेटेस्ट मिशन है.
  • यह लॉन्च आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इंडिया के सबसे पहले प्राइवेट लॉन्चपैड ALP-01 से हुआ.
  • Agnibaan SOrTeD एक सिंगल स्टेज, 6.2 मीटर लंबा (लगभग 2–3 स्कूल बस जितना) रॉकेट है, जिसमें “Agnilet” नामक उन्नत इंजन लगा है.
  • सबसे बड़ी खासियत — Agnilet पूरी तरह 3D प्रिंटेड, सिंगल-पीस इंजन है, जो दुनिया में पहली बार भारत ने तैयार किया है. लॉन्च की खास बातें
  • सिर्फ टेस्टिंग के लिए था: इस मिशन का मकसद था रॉकेट के हर कंपोनेंट की, रियल-टाइम परिस्थितियों में टेस्टिंग करना.
  • इन-हाउस टेक्नोलॉजी: इंडियन इंजीनियरों ने सारा हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स खुद डिज़ाइन किए.
  • 3D प्रिंटिंग: रॉकेट का इंजन और कई पार्ट्स 3D प्रिंट तकनीक से बेहद कम समय में बनाए गए.
  • सुरक्षा और कंट्रोल: पूरी जर्नी में फिन्स और गिंबल टेक्नोलॉजी के ज़रिए रॉकेट का संतुलन और दिशा नियंत्रित की गई.
  • मिशन अवधि: कुल जर्नी लगभग दो मिनट रही, जिसमें इंजन, कंट्रोल और सेफ्टी सिस्टम्स की पूरी तरह जांच की गई. “मेड इन इंडिया” इनोवेशन का शानदार उदाहरण
  • Agnibaan SOrTeD के सफल लॉन्च से साबित हुआ कि 3D प्रिंटिंग जैसी नई तकनीकों से भारत विश्वस्तरीय स्पेस हब बनने की दिशा में अग्रसर है.
  • भारत में पहली बार किसी प्राइवेट कंपनी का अपना लॉन्चपैड और कंट्रोल सेंटर बनना, एक नया युग है.
  • ISRO और IN-SPACe जैसी एजेंसियों का सहयोग, भारतीय युवाओं के लिए नई संभावनाओं के दरवाज़े खोलता है.

युवा वर्ग के लिए प्रेरणा

  • Agnikul Cosmos की कहानी बताती है कि अगर जज़्बा हो, तो इंडियन टीनेजर्स भी वर्ल्ड-क्लास इनोवेशन कर सकते हैं.
  • 3D प्रिंटिंग, स्पेस इंजीनियरिंग, प्रोग्रामिंग जैसी नई–नई स्किल्स सीखना और उन्हें रचनात्मक दिशा देना, भारत के किशोरों के लिए बेहतरीन उदाहरण है.
  • “मेक इन इंडिया” व “स्टार्टअप इंडिया” जैसी पहलों को आगे बढ़ाने में ऐसे स्टार्टअप्स का बड़ा योगदान है.

भविष्य की ओर कदम

Agnikul Cosmos का Agnibaan SOrTeD भारत के लिए सिर्फ एक रॉकेट लॉन्च भर नहीं, बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास, इनोवेशन और अपने हुनर पर इम्तिहान का दूसरा नाम है.

अगर आप भी स्पेस साइंस, रोबोटिक्स या टेक्नोलॉजी में रुचि रखते हैं, तो यह कहानी इस बात की मिसाल है कि मेहनत, लगन और टीम वर्क से इंडिया भी इंटरनेशनल स्पेस इनोवेशन का अगला लीडर बन सकता है.

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