Advertisement

NARVAZHI APP: बच्चों का कमाल, बदल जाएगी Blind Life

शुरुआत कैसे हुई?

आजकल हम सब स्मार्टफोन और ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो लोग देख नहीं सकते, उनके लिए ये टेक्नोलॉजी कितनी मददगार हो सकती है? केरल के तिरुवनंतपुरम के कुछ स्कूल के छात्रों ने इसी बारे में सोचा और एक खास ऐप बनाया, जिसका नाम है नरवज़ी (NARVAZHI).

इस ऐप को बनाने का आइडिया (idea) तब आया जब इन छात्रों ने देखा कि उनके स्कूल में पढ़ने वाले कुछ नेत्रहीन (blind) बच्चों को स्कूल आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है. उन्हें हर वक्त किसी की मदद चाहिए होती थी, जिससे वे खुद को बाकी बच्चों से अलग महसूस करते थे. छात्रों ने सोचा कि अगर कोई ऐसा तरीका हो, जिससे नेत्रहीन बच्चे भी खुद से स्कूल आ-जा सकें, तो कितना अच्छा होगा. इसी सोच से ‘नरवज़ी’ ऐप की शुरुआत हुई.

ऐप कैसे काम करता है?

नरवज़ी ऐप में दो खास बातें हैं – GPS (Global Positioning System) और वॉयस गाइडेंस (voice guidance).
GPS की मदद से ऐप यूज़र (user) की लोकेशन (location) पता करता है. जब कोई नेत्रहीन व्यक्ति कहीं जाना चाहता है, तो वह ऐप में अपनी मंज़िल (destination) डाल देता है. इसके बाद ऐप उसे रास्ता बताने लगता है. रास्ता बताने के लिए ऐप आवाज़ (voice) का इस्तेमाल करता है. जैसे-जैसे यूज़र आगे बढ़ता है, ऐप बोलकर बताता है – “दस मीटर (meter) के बाद दाएं (right) मुड़ें”, “सीधे (straight) चलें”, “सामने गली (lane) है” आदि.

अगर रास्ते में कोई रुकावट आती है, तो ऐप तुरंत यूज़र को अलर्ट कर देता है. इससे नेत्रहीन व्यक्ति को रास्ता बदलने या संभलने का समय मिल जाता है. ऐप में हिंदी, अंग्रेज़ी और मलयालम जैसी भाषाओं का विकल्प भी है, ताकि हर कोई अपनी पसंद की भाषा में इसका इस्तेमाल कर सके.

ऐप के फायदे

आत्मनिर्भरता (Self-dependence):

पहले नेत्रहीन लोगों को बाहर जाने के लिए हमेशा किसी की मदद लेनी पड़ती थी. लेकिन नरवज़ी ऐप की वजह से अब वे खुद से कहीं भी जा सकते हैं. उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.

सुरक्षा (Safety):

ऐप रास्ते में आने वाली रुकावटों के बारे में तुरंत बता देता है, जिससे हादसे कम होते हैं. अगर यूज़र को कोई दिक्कत आती है, तो ऐप में SOS (इमरजेंसी कॉल) का फीचर भी है.

आसान इस्तेमाल (Easy to use):

नरवज़ी ऐप बहुत सिंपल है. इसमें बड़े-बड़े बटन और आसान मेन्यू (menu) हैं, जिससे नेत्रहीन लोग भी आसानी से इसे चला सकते हैं.

मुफ्त सेवा (Free service):

सबसे अच्छी बात ये है कि ये ऐप पूरी तरह मुफ्त है. कोई भी इसे अपने फोन में डाउनलोड कर सकता है.

छात्रों की मेहनत और सोच

इस ऐप को बनाने वाले छात्र 11वीं और 12वीं कक्षा के हैं. उन्होंने अपने स्कूल के कंप्यूटर लैब में कई महीने तक मेहनत की. शुरुआत में उन्हें कोडिंग, GPS सेटिंग्स और वॉयस गाइडेंस जैसी चीज़ें सीखनी पड़ीं. उनके टीचर्स और कुछ एक्सपर्ट्स ने भी उनकी मदद की.
छात्रों का कहना है कि उन्होंने सिर्फ एक प्रोजेक्ट के तौर पर काम शुरू किया था, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनका ऐप सच में नेत्रहीन लोगों की ज़िंदगी आसान बना सकता है, तो उन्हें बहुत खुशी हुई. अब वे चाहते हैं कि ये ऐप पूरे भारत में हर नेत्रहीन व्यक्ति तक पहुंचे.

समाज के लिए संदेश

नरवज़ी ऐप सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि ये सोच बदलने की कोशिश है. इससे पता चलता है कि अगर हम चाहें तो तकनीक का इस्तेमाल समाज की भलाई के लिए कर सकते हैं. ये ऐप बताता है कि छोटे-छोटे बदलाव भी किसी की जिंदगी में बड़ा फर्क ला सकते हैं.

आगे की योजना

अब ये छात्र अपनी टीम के साथ मिलकर ऐप को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि इसमें और भी भाषाएं जोड़ें, रास्ते में ट्रैफिक और मौसम की जानकारी भी मिले और ऐप को पूरे देश में फैलाया जाए. इसके लिए वे सरकार और बड़ी कंपनियों से मदद की उम्मीद कर रहे हैं.

नरवज़ी ऐप एक शानदार उदाहरण है कि कैसे युवा अपने आइडिया और मेहनत से समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं. ये ऐप नेत्रहीन लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण है. अगर ऐसे और ऐप्स बनते रहें, तो हमारा समाज सच में सबके लिए बेहतर और सुरक्षित बन सकता है.

अगर आप भी कोई छात्र है जिसको लगता है कि वो कुछ नहीं कर सकता तो आप बिल्कुल गलत है. आप के अंदर भी कुछ कर दिखने की क्षमता ज़रूर है बस उसे पहचानने की देरी है, आप भी इन बच्चों से सीख सकते है कि हर नई चीज की शुरुआत सिर्फ एक नई सोच से होती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *