गली, काउ कॉर्नर और थर्ड मैन: क्रिकेट की फील्डिंग पोजिशन के पीछे की दिलचस्प कहानियां
क्रिकेट देखना हम सभी को पसंद है — चाहे मैदान पर छक्का लग रहा हो या कोई फील्डर स्लिप में डाइव मार रहा हो. लेकिन कभी आपने सोचा है कि इन फील्डिंग पोजिशन के अजीब नामों का क्या मतलब है?
आज हम आपको बताएंगे इन नामों के पीछे की वो दिलचस्प कहानियां, जिनसे शायद ही आप पहले वाक़िफ़ रहे हों.
- थर्ड मैन (Third Man): ये कौन है तीसरा आदमी?
‘थर्ड मैन’ शब्द सुनते ही कई लोग सोचते हैं — पहला और दूसरा कहां हैं भाई? असल में, ये नाम आया 1800s के पुराने क्रिकेट से, जब मैच में दो स्लिप फील्डर के अलावा एक तीसरा आदमी डीप में बाउंड्री के पास खड़ा होता था — उसे ‘थर्ड मैन’ कहा जाने लगा. इसका काम था — एज होकर बाउंड्री की तरफ जा रही बॉल को रोकना.
- पॉइंट (Point): बल्ले की नोक से मिला नाम:
अगर आप दाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं, तो जब आप बल्ला पकड़ते हैं, तो उसका जो “pointed end” यानी नोक है, वो सीधे ऑफ साइड की ओर जाता है.
उस दिशा में जो फील्डर बॉल को कवर करता है, वही कहलाता है – पॉइंट. यानि, जिस दिशा में बल्ला पॉइंट करता है — वहीं खड़ा होता है Point का फील्डर.
- गली (Gully): ना मोहल्ला, ना नुक्कड़ — ये है फील्डिंग का स्पेशल इलाका:
गली नाम सुनते ही आपको अपने मोहल्ले की गली याद आ गई होगी, लेकिन क्रिकेट में गली का फील्डर स्लिप और पॉइंट के बीच खड़ा होता है. असल में, जब बल्लेबाज़ शॉट खेलता है और बॉल स्लिप से कुछ दूर लेकिन पॉइंट से पहले निकलती है, तो वह “narrow gap” यानी ‘गली’ से गुजरती है. बस वहीं से नाम पड़ा – गली, यानी वो ‘चोरी की गली’, जहां बॉल और कैच दोनों बड़ी चुपके से निकल सकते हैं.
- कवर और एक्स्ट्रा कवर: ये नाम कहा से आया:
कवर नाम आया उस क्षेत्र से जो पॉइंट और मिड-ऑफ के बीच आता है — यानी वो जगह जो बल्लेबाज़ के स्ट्रोक्स को “कवर” करती है. जब इस फील्डर को बाउंड्री के पास लगाया जाता है तब इसे कहते है Deep Cover.
Cover और Mid-off के बीच जो फील्डर आता है उसे हम कहते है Extra Cover और जब हम इसे बाउंड्री के पास खड़ा कर देते है तो ये हो जाता है Deep Extra Cover.
- Mid-Wicket: मिडल ऑफ द विकेट से निकला नाम:
अब आते हैं लेग साइड की ओर.
अगर आप बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के बीच में यानी पिच के बीच में सीधी लाइन खींचें — और लेग साइड में 30 यार्ड के दायरे में देखें, तो जो फील्डर वहां खड़ा होता है, वो कहलाता है — Mid Wicket. जब यही फील्डर बाउंड्री के पास लगाया जाता है, तो वो बन जाता है — Deep Mid Wicket.
- काउ कॉर्नर (Cow Corner): क्या वाकई गायों से जुड़ा है ये नाम?
Deep Mid Wicket और Long On के बीच के जोन को कहते हैं — Cow Corner
‘काउ कॉर्नर’ का नाम सुनते ही कई लोग हंस पड़ते हैं, लेकिन इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा छुपा है. पुराने ज़माने में इंग्लैंड के ग्रामीण इलाकों में क्रिकेट के मैच होते थे — गांवों में, खेतों में, और कभी-कभी तो मैदान के उस हिस्से में भी, जहां पास ही गायें चर रही होती थीं.
जब कोई बल्लेबाज़ awkward style में मिडविकेट के उस कोने में बॉल मारता था, तो लोग कहते थे — That’s gone to the cow corner यानी, बॉल वहां गई जहां आमतौर पर गायें घूमती थीं और देखिए, ये फील्डिंग पोजिशन आज इंटरनेशनल क्रिकेट का हिस्सा बन चुकी है.
तो क्यों ज़रूरी हैं ये नाम जानना?
इन नामों से सिर्फ क्रिकेट के फॉर्मेशन का अंदाज़ा नहीं मिलता, बल्कि ये हमें बताते हैं कि क्रिकेट एक खेल ही नहीं, एक संस्कृति है — जिसमें भाषा और इतिहास सब शामिल है.
आप अगली बार जब दोस्तों के साथ मैच देख रहे होंगे और कमेंटेटर बोलेगा – That went straight to cow corner तो आप सिर्फ हंसेंगे नहीं — आप समझेंगे भी कि इस नाम के पीछे भी एक पूरी कहानी छुपी हुई है.
गली हो या काउ कॉर्नर, थर्ड मैन हो या मिडविकेट — क्रिकेट की ये पोजिशन न सिर्फ खेल का हिस्सा हैं, बल्कि खेल की आत्मा हैं. ये हमें याद दिलाते हैं कि कैसे हर शॉट, हर एरिया और हर शब्द के पीछे है एक कहानी, एक इतिहास — और ढेर सारी दिलचस्प बातें.
Leave a Reply