ShivPujaRules: गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों को लेकर अक्सर असमंजस में रहती हैं. खासतौर पर यह सवाल बहुत पूछा जाता है कि क्या गर्भवती महिलाओं को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं? इसे लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं प्रचलित हैं, आइए जानते हैं शास्त्रों, धार्मिक मान्यताओं क्या कहते हैं.
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शास्त्र क्या कहते हैं?
धार्मिक ग्रंथों में गर्भावस्था के दौरान शिव पूजा को निषिद्ध नहीं बताया गया है. भगवान शिव को करुणामय और भक्तवत्सल माना गया है. शास्त्रों के अनुसार भक्ति और श्रद्धा से की गई पूजा कभी अशुभ नहीं होती, गर्भवती महिला अगर शारीरिक रूप से सक्षम है, तो वह मानसिक या सरल रूप से शिव पूजा कर सकती है. हालांकि कुछ परंपराओं में शिवलिंग पर भारी जल या दूध चढ़ाने से परहेज की बात कही जाती है.
जल चढ़ाने को लेकर मान्यता
लोक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाना एक ऊर्जा प्रवाह से जुड़ी क्रिया मानी जाती है. गर्भावस्था में महिला का शरीर और मन संवेदनशील होता है, इसलिए अधिक श्रम वाली पूजा से बचने की सलाह दी जाती है, इसी वजह से कई घरों में कहा जाता है कि गर्भवती महिलाएं सीधे जल न चढ़ाएं.
सही तरीका क्या है?
धार्मिक विद्वानों के अनुसार, अगर गर्भवती महिला शिवभक्त है तो वह मन ही मन “ॐ नमः शिवाय” का जाप कर सकती है, शिव चालीसा या शिव स्तोत्र का पाठ कर सकती है, घर पर बैठकर मानसिक रूप से जल अर्पण कर सकती है, किसी परिजन से जल चढ़वाकर दर्शन कर सकती है, यह तरीका शास्त्रसम्मत और सुरक्षित माना जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
अधिक देर तक खड़े होकर पूजा न करें, भारी कलश उठाने या फिसलन वाली जगह जाने से बचें, शारीरिक थकान या डॉक्टर की मनाही हो तो मंदिर जाने से बचें.


























