Health Tips: हाल के वर्षों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) केवल फेफड़ों और हृदय को प्रभावित नहीं कर रहा, बल्कि मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों पर भी असर डाल रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेने से ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन संवेदनशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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प्रदूषण और डायबिटीज का कनेक्शन
PM2.5 और PM10 जैसी सूक्ष्म कण वायु प्रदूषण के मुख्य घटक हैं. ये कण इंसुलिन रिसिस्टेंस बढ़ा सकते हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है, लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने वाले लोग ब्लड ग्लूकोज लेवल में अस्थिरता का सामना कर सकते हैं.
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं
डॉ. अनिल जैन, वरिष्ठ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, बताते हैं कि लगातार बढ़ता एयर पॉल्यूशन शरीर में सूजन (Inflammation) को बढ़ाता है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ने का खतरा रहता है. यह टाइप-2 डायबिटीज की एक बड़ी वजह बन सकता है.
डायबिटीज मरीजों के लिए सुझाव
मास्क पहनें: प्रदूषण वाले इलाकों में N95 मास्क या एयर फिल्टर मास्क का इस्तेमाल करें.
इंडोर एयर प्यूरीफायर: घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें.
साफ-सुथरी जगह पर वॉक करें: पार्क या कम ट्रैफिक वाले क्षेत्र में सुबह-शाम वॉक करें.
स्वस्थ खान-पान: एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में मदद करता है.
नियमित जांच: ब्लड शुगर और HbA1c स्तर की नियमित जांच करें.
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