Relationship Tips: आज के डिजिटल दौर में मोबाइल हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन जब पार्टनर हर वक्त फोन में व्यस्त रहने लगे, तो मन में शक और सवाल उठना लाजमी है. हालांकि, हर बार इसका मतलब किसी तीसरे व्यक्ति से जुड़ा होना नहीं होता, इसके पीछे कई साइकोलॉजिकल और प्रैक्टिकल वजहें हो सकती हैं.
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काम का ज्यादा दबाव- वर्क फ्रॉम होम, ऑफिस कॉल्स, ईमेल और मीटिंग्स—कई बार पार्टनर का फोन पर ज्यादा समय बिताना सिर्फ काम की वजह से होता है.
सोशल मीडिया की आदत- रील्स, शॉर्ट्स और सोशल मीडिया स्क्रॉल करना आजकल एक आदत बन चुका है, यह जरूरी नहीं कि इसमें कोई खास इंसान शामिल हो.
स्ट्रेस या मेंटल थकान- कुछ लोग तनाव या थकान से बचने के लिए मोबाइल को डिस्ट्रैक्शन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, फोन उन्हें थोड़ी राहत देता है.
अकेले समय की जरूरत– हर इंसान को कभी-कभी “Me Time” चाहिए होता है, मोबाइल पर समय बिताना भी खुद के साथ समय बिताने का एक तरीका हो सकता है.
कम्युनिकेशन गैप- कई बार रिश्ते में बातचीत कम हो जाती है, जिससे पार्टनर अनजाने में मोबाइल की ओर ज्यादा झुक जाता है.
क्या करें ऐसे में?
शक करने के बजाय खुलकर बात करें, आरोप लगाने से बचें, साथ में क्वालिटी टाइम बिताने की कोशिश करें, मोबाइल-फ्री समय तय करें.
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