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PanicAttack: क्यों आता है? जानिए

Panic Attack Causes: आजकल बढ़ते तनाव, भागदौड़ और असंतुलित जीवनशैली के कारण पैनिक अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पैनिक अटैक अचानक आने वाला डर या घबराहट नहीं है, बल्कि दिमाग और शरीर के बीच बिगड़ते संतुलन का परिणाम है, आइए जानते हैं आखिर पैनिक अटैक क्यों आता है और इसके पीछे कौन-कौन सी वैज्ञानिक वजहें जिम्मेदार हैं.

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पैनिक अटैक क्या होता है?
पैनिक अटैक एक अचानक आने वाली तीव्र घबराहट, तेज धड़कन, सांस फूलना और बेहोशी जैसे लक्षणों का समूह है. यह कुछ मिनटों से लेकर 20–30 मिनट तक रह सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट बताते हैं कि यह शरीर का फाइट या फ्लाइट रिस्पॉन्स अचानक सक्रिय हो जाने के कारण होता है, भले ही आसपास कोई वास्तविक खतरा न हो.

पैनिक अटैक क्यों आता है मुख्य कारण

अत्यधिक तनाव और चिंता (Stress & Anxiety)– मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, लंबे समय तक बने रहने वाला तनाव दिमाग में केमिकल बैलेंस बिगाड़ देता है, जिससे अचानक घबराहट के दौरे आने लगते हैं.

नींद की कमी– कम नींद लेने से कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) बढ़ता है, जो पैनिक अटैक का प्रमुख कारण माना जाता है,

थायरॉयड या हार्मोनल असंतुलन– कई बार थायरॉयड ज्यादा सक्रिय होने पर दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जिससे पैनिक अटैक ट्रिगर हो सकता है.

कैफीन और एनर्जी ड्रिंक्स– ज्यादा चाय–कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन दिल की धड़कन बढ़ाता है और शरीर को घबराहट की स्थिति में ले जा सकता है.

दर्दनाक अनुभव या Trauma– किसी पुराने हादसे, नुकसान या डरावनी घटना का असर दिमाग में जमा रह जाता है, जो अचानक पैनिक अटैक के रूप में सामने आता है.

जेनेटिक कारण– मनोचिकित्सकों का मानना है कि अगर परिवार में पहले किसी को पैनिक डिसऑर्डर रहा है, तो इसकी संभावना बढ़ सकती है.

अधिक सोचने की आदत (Overthinking)
शोध बताते हैं कि ज्यादा सोचने वाले लोग अपने मन में डर और नकारात्मकता जमा कर लेते हैं, जिससे घबराहट के दौरे आने का जोखिम बढ़ जाता है.

पैनिक अटैक के आम लक्षण– दिल की धड़कन अचानक तेज होना, सांस लेने में दिक्कत, हाथ-पैर कांपना, पसीना आना, सीने में दर्द, चक्कर या बेहोशी जैसा लगना.

    एक्सपर्ट की सलाह
    डॉ. समीर परीख (Mental Health Expert) के अनुसार पैनिक अटैक से बचने के लिए सांस को कंट्रोल करना, कैफीन कम करना और तनाव प्रबंधन बेहद जरूरी है. अगर अटैक बार-बार आए, तो तुरंत विशेषज्ञ से मिलना चाहिए,

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