क्या आप भी रोजाना पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का बार-बार इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए, हाल ही में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि प्लास्टिक बोतलों का लगातार उपयोग शरीर के लिए गंभीर नुकसान की वजह बन सकता है. खासतौर पर गर्मी में बोतलें धूप में रहने पर इनका खतरा और बढ़ जाता है.
हार्मोनल असंतुलन का बढ़ता खतरा
प्लास्टिक बोतलों में मौजूद BPA (Bisphenol-A) और फ्थेलेट्स जैसे रसायन पानी में घुलकर शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, ये तत्व हार्मोन को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण महिलाओं में पीरियड अनियमितता, पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या और बच्चों में ग्रोथ प्रभावित होने जैसी दिक्कतें देखने को मिल सकती हैं.
पाचन तंत्र पर बुरा असर
पुरानी या दोबारा उपयोग की गई प्लास्टिक बोतलों में बैक्टीरिया बहुत तेजी से बढ़ते हैं। यह गंदा पानी पेट के संक्रमण, उल्टी-दस्त, गैस, ऐंठन और पाचन कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है.
हार्ट डिजीज का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि BPA रक्तचाप बढ़ाने का काम करता है, लंबे समय तक इसका सेवन हृदय रोग, हाई BP और कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ाता है.
किडनी पर प्रभाव
कुछ प्लास्टिक में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक्स धीरे-धीरे शरीर में जमा होकर किडनी की फिल्टरिंग क्षमता को प्रभावित करते हैं, इससे किडनी स्ट्रेस, इंफ्लेमेशन और दूसरे गुर्दा रोगों का खतरा बढ़ सकता है.
कैंसर का खतरा भी बढ़ता है
अध्ययनों में पाया गया है कि खराब, धूप में रखी या गर्म पानी के संपर्क में आई प्लास्टिक बोतलों से निकलने वाले रसायन लंबे समय तक शरीर में जमा होकर कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. खासतौर पर स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से जोड़कर देखा जाता है.
क्या करें?
स्टील या कॉपर की बोतलें इस्तेमाल करें, प्लास्टिक बोतल को दोबारा बार-बार यूज न करें, गर्म पानी कभी भी प्लास्टिक बोतल में न भरें, टूटी, पुरानी या खरोंच वाली बोतल तुरंत बदलें.
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