लोहरदगा : ताम्र नगरी से हरित विकास और सांस्कृतिक समृद्धि की ओर
लोहरदगा जिला झारखंड के दक्षिणी मध्य भाग में स्थित है, जो प्राचीन काल से “ताम्र नगरी” (Copper District of India) के नाम से विख्यात रहा है। यहाँ के उच्च गुणवत्ता वाले बॉक्साइट एवं ताम्र अयस्क (Copper Ore) ने इसे खनन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाया है। प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली से आच्छादित जंगल, जनजातीय संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और शिक्षा के क्षेत्र में उभरता लोहरदगा आज एक प्रगतिशील जिला बन रहा है। यहाँ की सांस्कृतिक विविधता एवं आदिवासी परंपराएँ इस क्षेत्र को विशेष पहचान देती हैं।
यह छोटा सा जिला बड़ा ऐतिहासिक महत्व रखता है | लोहार यानि ‘लोहे का काम करने वाला’ से इसका नाम लोहरदगा पड़ा | 19 वीं सदी में लोहरदगा जिला स्वयं एक वृहद जिला था | इसमें रांची, पलामू और लातेहार भी शामिल थे | 1831-32 में ब्रिटिश शासन ने साउथ-वेस्ट एक्ट के अंतर्गत लोहरदगा को जिला बनाया था | 1899 में रांची को मुख्यालय बनाया गया और रांची, लोहरदगा को लेकर जिले के रूप में गठित हुआ | 1972 ई. में यह रांची का अनुमंडल बना | इसके बाद 1981 में लोहरदगा को 6 प्रखंड़ो के साथ नए जिले के रूप में गठित किया गया | बाद में इसमें एक प्रखंड और बनाया गया | अभी इसमें 7 प्रखंड हैं |
स्थिति:
स्थान: झारखंड के दक्षिणी-मध्य भाग में
प्रमंडल: दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल (मुख्यालय — रांची)
जिला मुख्यालय: लोहरदगा नगर
स्थापना: 17 मई 1983 (रांची से विभाजित होकर)
सीमाएं:
उत्तर: लातेहार जिला
दक्षिण: रांची जिला
पूर्व: रांची जिला
पश्चिम: गुमला जिला
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: लगभग 1,492 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 4,61,790
पुरुष: ~2,34,352
महिलाएँ: ~2,27,438
जनसंख्या घनत्व: ~309 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 970
साक्षरता दर: 67.61%
पुरुष: 78.67%
महिलाएँ: 56.21%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: लोहरदगा (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित)
विधानसभा क्षेत्र: 1
- लोहरदगा (ST)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~57% (मुख्यतः उराँव, मुण्डा, हो, खड़िया)
SC (दलित): ~5%
OBC: ~25%
अन्य: ~13% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी (खोरठा, नागपुरी)
उराँव (कुड़ुख), मुण्डारी
नागपुरी, सादरी
अंग्रेज़ी
स्थानीय बोलियाँ
प्रमुख फसलें:
धान
मक्का
गेहूँ
तिलहन (सरसों, अलसी)
दालें (चना, अरहर, मसूर)
सब्जियाँ
बाड़ी खेती (फल, स्थानीय उत्पादन)
प्रमुख नदियाँ:
दक्षिण कोयल नदी
संजय नदी
चंदवा नदी (स्थानीय छोटी धाराएँ)
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
लिसम घाटी — प्राकृतिक सौंदर्य एवं ट्रेकिंग स्थल
घाघरी जलप्रपात
शिव मंदिर, लोहरदगा
आदिवासी संस्कृति संग्रहालय (निर्माणाधीन)
प्राकृतिक गुफाएँ व जलस्रोत (ग्रामीण पर्यटन)
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
बॉक्साइट खनन
ताम्र अयस्क खनन (Copper Ore)
खनिज आधारित छोटे उद्योग
कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग
वन उत्पाद आधारित उद्योग (लाह, महुआ, तेंदू पत्ता)
ग्रामीण पर्यटन विकास
बांस एवं लकड़ी आधारित कारीगरी
शिक्षा:
Lohardaga Degree College
Govt. Polytechnic, Lohardaga
St. Ignatius School & College
Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya
CBSE/झारखंड बोर्ड के विद्यालय
संस्कृति और परंपराएँ:
लोक संस्कृति: नागपुरी, कुड़ुख, मुण्डारी लोकगीत
प्रमुख त्योहार: सरहुल, Karma, Mage Parab, फगुनाहा, मकर संक्रांति, छठ पूजा, होली, दीपावली
पारंपरिक हस्तशिल्प व आदिवासी चित्रकला
आदिवासी नृत्य और वाद्य संगीत की समृद्ध विरासत
विशेषताएँ:
“ताम्र नगरी” — खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध
हरित आच्छादित क्षेत्र, जैव विविधता से भरपूर
आदिवासी संस्कृति का गढ़
खनन व कुटीर उद्योग आधारित अर्थव्यवस्था
पर्यटन और ग्रामीण विकास की नई संभावनाएँ
दक्षिण छोटानागपुर क्षेत्र में रणनीतिक महत्व वाला जिला
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