औरंगाबाद जिले के बारुण थाना क्षेत्र के तेंदुआ बिंदुलिया के टोला वीरपुर गांव में अचानक डायरिया फैलने से हड़कंप मच गया है। गांव के अधिकांश घरों में उल्टी, दस्त और चक्कर आने जैसी शिकायतें देखी जा रही हैं, वहीं बीमारी की चपेट में आकर दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। लगातार बढ़ते मामलों से गांव में डर और अफरा-तफरी का माहौल है।मिली जानकारी के अनुसार लगभग पांच दिन पहले गांव के दो लोगों में उल्टी-दस्त और कमजोरी के लक्षण दिखाई दिया था जिसे स्थानीय स्तर पर इलाज कराने के बावजूद हालत में सुधार नहीं हुआ और बीमारी तेजी से अन्य घरों में फैलने लगी। कुछ ही दिनों में गांव के करीब 25 से 30 घरों में लोग एक-एक कर बीमार पड़ते गए, जिससे जिला के स्वास्थ्य विभाग में भी हलचल तेज हो गई।
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इस बीमारी ने सबसे पहले शांति देवी की जान ले ली, जिनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। वहीं बुधवार की सुबह उक्त गांव निवासी अमरेश भुइयां का पुत्र पांच वर्षीय सोनू कुमार की मौत बीमारी के कारण हो गई। मासूम की मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे की शव को पोस्टमार्टम करने हेतु कब्जे में ले लिया है ताकि मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सके।
ग्रामीण राजकलिया देवी, कौशल्या देवी और पिंटू कुमार सहित कई लोगों ने बताया कि मरीजों में उल्टी, तेज दस्त, पेट दर्द और कमजोरी जैसे गंभीर लक्षण दिख रहे हैं। कुछ ग्रामीण बीमारी के अचानक फैलाव को अंधविश्वास से भी जोड़कर देख रहे थे जिससे भ्रम और दहशत का माहौल और बढ़ गया है।
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सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और बीमार लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बारुण लाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि सभी मरीज कोल्ड डायरिया से पीड़ित हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, स्वास्थ्य विभाग और पंचायत प्रतिनिधि गांव में कैंप कर लगातार निगरानी कर रहे हैं। वही घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद डीडीसी अनन्या सिंह तेंदुआ बिंदुलिया के बिगहा वीरपुर पहुंचीं। उन्होंने बताया कि कुल 18 मरीजों को बारुण सीएचसी में भर्ती किया गया था, जिनमें से चार की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर किया गया है। बाकी मरीजों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।प्रशासन ने साफ-सफाई बढ़ाने, पानी को उबालकर पीने और खुले में शौच न करने की अपील की है। गांव में क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति एवं दवा का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
औरंगाबाद बिहार से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट


























