गुमला : धर्म, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य की धरती
गुमला, झारखंड के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित, एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। यह क्षेत्र जनजातीय संस्कृति, प्राकृतिक संपदा और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। घने जंगल, पहाड़ियाँ, झरने और नदी-नालों से घिरा गुमला न केवल पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ कृषि, खनिज और हस्तशिल्प के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएँ हैं।
गुमला का अर्थ मुंडारी भाषा में धान कूटना है, जो स्थानीय लोगों का मुख्य पेशा है | ऐसा माना जाता है कि गौ-मेला लगने के कारण ही इस क्षेत्र का नाम गुमला पड़ा | गुमला पहले लोहरदगा जिले का एक हिस्सा था, जो 1899 ई. में रांची जिले का हिस्सा बना और 1902 ई. में रांची का एक अनुमंडल बनाया गया | 1984 ई. में रांची जिले से पृथक कर गुमला को स्वतंत्र जिला बनाया गया |
स्थिति:
स्थान: झारखंड के दक्षिण-पश्चिमी भाग में
प्रमंडल: दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल (मुख्यालय — रांची)
जिला मुख्यालय: गुमला नगर
स्थापना: 1983 (रांची से विभाजित होकर)
सीमाएं:
उत्तर: लातेहार
दक्षिण: सिमडेगा
पूर्व: रांची
पश्चिम: छत्तीसगढ़ राज्य
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: 5,360 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 10,25,213
पुरुष: 5,14,589
महिलाएँ: 5,10,624
जनसंख्या घनत्व: 191 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 992
साक्षरता दर: 65.59%
पुरुष: 75.64%
महिलाएं: 55.46%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: लोहरदगा
विधानसभा क्षेत्र: कुल 3
- गुमला (ST आरक्षित)
- सिसई (ST आरक्षित)
- बिशुनपुर (ST आरक्षित)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~65% (मुख्यतः उराँव, मुंडा, खड़िया समुदाय)
SC (दलित): ~6%
OBC: ~18%
अन्य: ~11% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी (नागपुरी, खोरठा)
उराँव (कुड़ुख), मुंडारी
संथाली
अंग्रेज़ी
साधारण संवाद में स्थानीय बोली/भाषाएँ
प्रमुख फसलें:
धान
मक्का
अरहर, उड़द
रागी (मड़ुआ)
तिलहन
सब्जियाँ
बाड़ी खेती (कंद-मूल, मौसमी फल)
प्रमुख नदियाँ:
दक्षिण कोयल नदी
साहामनदी
एनगुर नदी
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
अंजन धाम — माँ अंजनी का प्राचीन मंदिर (भगवान हनुमान जी का जन्मस्थल माना जाता है)
लांगड़ा घाटी — प्राकृतिक पर्यटन स्थल
गुमला चर्च — पुराना कैथोलिक चर्च
बकोरे घाटी झरना
जोनहा फॉल्स (निकटवर्ती क्षेत्र)
कोलेबिरा के जंगल व घाटियाँ
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
खनिज संसाधन — बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना-पत्थर
पत्थर आधारित लघु उद्योग
हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग
बांस और लकड़ी के शिल्प का विकास
वन-उत्पाद आधारित उद्योग
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा
शिक्षा:
Degree College, Gumla
B.Ed College
Government Polytechnic College
Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya
Jawahar Navodaya Vidyalaya
CBSE/ICSE/झारखंड बोर्ड के विद्यालय
संस्कृति और परंपराएँ:
उराँव, मुंडा, खड़िया जनजातीय लोक संस्कृति
प्रमुख त्योहार: करम, सरहुल, मकर संक्रांति, ईस्टर, क्रिसमस
पारंपरिक लोकगीत: झूमर, डोमकच, पाईका नृत्य
काष्ठ शिल्प, बांस कला
आदिवासी मेलों का आयोजन
विशेषताएँ:
जनजातीय बहुल, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला
झारखंड के प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक जिलों में एक
अंजन धाम के कारण धार्मिक पर्यटन का केंद्र
प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक संस्कृति का अनूठा संगम
हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग, वन उत्पाद आधारित आर्थिक गतिविधियों की अपार संभावनाएँ
राज्य के औद्योगिक विकास में उभरता हुआ केंद्र
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