सदियों से हिन्दू परंपरा में केले के पौधे को बेहद शुभ माना जाता है, इसे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का प्रिय पौधा कहा गया है. यही कारण है कि कई परिवार अपने घर के आंगन या छत पर केले का पौधा लगाते हैं, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और धन-धान्य का आगमन हो, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार केले का पौधा किस दिशा में लगाया जाए, यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. गलत दिशा में लगाया पौधा शुभ फल देने के बजाय परेशानी भी खड़ी कर सकता है.
जानिए चमत्कारी दिशा
सबसे शुभ दिशा: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण)
केले का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा, यानी ईशान कोण में लगाना सबसे शुभ माना जाता है, यह दिशा जल तत्व की मानी जाती है और यहां केले का पौधा लगाने से घर में शांति, मानसिक संतुलन और धन का प्रवाह मजबूत होता है. कहा जाता है कि इस दिशा में लगा पौधा घर का वास्तु दोष खत्म करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
क्यों है उत्तर-पूर्व दिशा इतनी खास?
यह दिशा देवताओं की दिशा मानी जाती है, विष्णु-लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, घर में लक्ष्मी के प्रवेश के मार्ग खुलते हैं, परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है.
क्या अन्य दिशाओं में भी केला लगा सकते हैं?
अगर उत्तर-पूर्व में जगह न हो, तो केला पूर्व दिशा में भी लगाया जा सकता है, पूर्व दिशा सूर्य का स्थान मानी जाती है, जो नई ऊर्जा और शुभ शुरुआत का प्रतीक है. हालांकि, दक्षिण और पश्चिम की दिशा में केला लगाने की सलाह नहीं दी जाती—यह नकारात्मक परिणाम दे सकता है.
इन बातों का जरूर रखें ख्याल
केले का पौधा घर के मुख्य दरवाजे के बहुत पास न लगाएं, पौधे के आसपास सफाई और स्वच्छता हमेशा बनाए रखें, पौधा सूखने न दें, ऐसा पौधा वास्तु दोष बढ़ा सकता है. यदि पौधा घर में है, तो पूजा के दिनों में उस पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है.
क्या बदल सकता है आपके घर का भाग्य?
वास्तु मान्यताओं के अनुसार, यदि सही दिशा में केला लगाया जाए तो यह घर में धन-समृद्धि, सौभाग्य और उन्नति के द्वार खोल सकता है. कई परिवारों का मानना है कि ईशान कोण में लगा केले का पौधा समय के साथ घर की ऊर्जा को इतना संतुलित कर देता है कि समस्याएं कम होने लगती हैं और तरक्की का मार्ग साफ दिखाई देने लगता है.
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