चतरा : प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक विरासत और संभावनाओं की धरती
चतरा, झारखंड का एक ऐतिहासिक, प्राकृतिक सौंदर्य और संसाधनों से भरपूर जिला है, जो कोयला खनिज, वनों और जल स्रोतों के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र कभी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों का गढ़ रहा है। वनाच्छादित पर्वतीय क्षेत्र, नदी-झरनों, जलप्रपातों और धार्मिक स्थलों के कारण यह जिला पर्यटन की दृष्टि से भी अनोखी पहचान रखता है।
हजारीबाग का एक अनुमंडल चतरा, जिसे 1994 में अलग जिला बनाया गया।
स्थिति:
स्थान: झारखंड के उत्तर-पश्चिमी भाग में
प्रमंडल: उत्तर छोटानागपुर प्रमंडल
मुख्यालय: चतरा नगर
स्थापना: 29 मई 1991 (हजारीबाग से अलग होकर)
सीमाएं:
उत्तर: बिहार के गया और औरंगाबाद जिले
दक्षिण: लातेहार
पूर्व: हजारीबाग
पश्चिम: पलामू
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: 3,718 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 10,42,886
पुरुष: 5,34,971
महिलाएँ: 5,07,915
जनसंख्या घनत्व: 281 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 949
साक्षरता दर: 60.18%
पुरुष: 71.16%
महिलाएं: 48.48%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: चतरा
विधानसभा क्षेत्र: कुल 2
- चतरा
- सिमरिया (SC आरक्षित)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
SC (दलित): ~25%
ST (जनजातीय): ~7-9%
OBC: ~35-40%
अन्य: ~25-28% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी (खोरठा), मगही, नागपुरी, उर्दू, अंग्रेज़ी
प्रमुख फसलें:
धान
गेहूं
मक्का
चना
अरहर, मसूर
सरसों
सब्जियाँ
प्रमुख नदियाँ:
कोयल नदी
संकरी नदी
मयूराक्षी
पतकी नदी
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
भद्रकाली मंदिर, इटखोरी — 9वीं शताब्दी का प्राचीन मंदिर, बौद्ध, जैन और हिन्दू कला का संगम
इटखोरी महोत्सव — वार्षिक सांस्कृतिक मेला
कोयल नदी घाटी
गंगा जल प्रपात (गौरीशंकर धाम क्षेत्र)
अर्जरी वन क्षेत्र — जैव विविधता
शिला देवी मंदिर
इटखोरी बौद्ध स्तूप
महावीर मंदिर (चतरा नगर)
राजपुर किला — ऐतिहासिक स्थल
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
कोयला खदानें (NTPC और CCL के अंतर्गत) — उत्तरी कर्णपुरा कोलफील्ड्स
थर्मल पावर प्रोजेक्ट (अवधारित)
पानी आपूर्ति योजना (चतरा नगर)
रेलवे कनेक्टिविटी विकास योजना (निर्माणाधीन)
PMGSY और RIDF के तहत सड़क परियोजनाएं
बिजली सबस्टेशन का आधुनिकीकरण
AIIMS-Deoghar से चिकित्सा सेवा का जुड़ाव बढ़ता हुआ
शिक्षा:
Chatra College, Simaria College
Government Polytechnic, Chatra
Jawahar Navodaya Vidyalaya
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
DAV Public School
Sainik School (प्रस्तावित)
सरकारी ITI संस्थान
संस्कृति और परंपराएँ:
इटखोरी महोत्सव
छठ पूजा
सरहुल
करम
मकर संक्रांति
होलिका उत्सव
बिहार-झारखंड के लोकनृत्य — झूमर, नागपुरी नृत्य, खोरठा नृत्य
स्थानीय काष्ठ कला और मिट्टी शिल्प
विशेषताएँ:
झारखंड का ऐतिहासिक, धार्मिक और खनिज समृद्ध जिला
इटखोरी — बौद्ध, जैन, हिन्दू धर्मों का त्रिवेणी स्थल
कोयला उत्पादन के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व
नवीनतम औद्योगिक एवं आधारभूत संरचनात्मक विकास
पर्यटन की अपार संभावनाओं वाला जिला
वन संपदा और जलप्रपातों से भरपूर प्राकृतिक वातावरण
संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाला क्षेत्र
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