बिजनौर: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अवमानना मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बिजनौर की जिलाधिकारी जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल पीठ ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिजनौर को निर्देश दिया है कि डीएम को 5 जनवरी तक अदालत में हर हाल में पेश किया जाए.
नोटिस मिलने के बावजूद पेश न होने पर कोर्ट नाराज
मामले से जुड़े दस्तावेजों के अनुसार, अवमानना याचिका में डीएम को नोटिस की तामील की पुष्टि हो चुकी थी. सुनवाई की तारीख 6 नवंबर तय की गई थी, लेकिन निर्धारित दिन जिलाधिकारी जसजीत कौर अदालत में उपस्थित नहीं हुईं, उनकी गैरहाजिरी पर अदालत ने कड़ा रुख दिखाते हुए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया.
मामला क्या है?
यह मामला बिजनौर जिले की धामपुर तहसील के ग्राम कालासागर निवासी विक्रम सिंह से जुड़ा है. आरोप है कि उन्होंने वर्ष 1973 में तथ्य छिपाकर धनगर जाति का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनवाया था, इस संबंध में विश्व दलित परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र पाल सिंह व विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों ने शिकायत दर्ज कराई थी. जांच के बाद स्कूटनी कमेटी ने विक्रम सिंह का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था.
निरस्तीकरण के खिलाफ दायर हुई थी याचिका
प्रमाण पत्र निरस्तीकरण के बाद विक्रम सिंह ने इसके खिलाफ याचिका दाखिल की, इसी मामले में सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के बार-बार उपस्थित न होने को अदालत ने अवमानना माना और जमानती वारंट जारी कर दिया.
रिपोर्ट फहीम अख़्तर बिजनौर उत्तर प्रदेश
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