अंडा प्रोटीन, विटामिन और जरूरी पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत माना जाता है, लेकिन एक छोटी सी लापरवाही आपकी सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. खराब या संक्रमित अंडा खाने से फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द, उल्टी, बुखार और साल्मोनेला संक्रमण जैसे गंभीर मामले सामने आ सकते हैं, इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अंडा पकाने या खाने से पहले उसकी कुछ जरूरी जांच करना बेहद आवश्यक है.
ये जांच जरूर करें
अंडे का शेल (छिलका) ध्यान से देखें—दरार हो तो न खाएं
कई लोग सोचते हैं कि हल्की दरार वाला अंडा चल जाएगा, लेकिन यह सबसे बड़ी गलती है, दरार या क्रैक वाले अंडों में बैक्टीरिया बहुत तेजी से प्रवेश करते हैं. ऐसा अंडा तुरंत फेंक दें.
पानी टेस्ट—अंडा तैर जाए तो खराब!
ये सबसे आसान और भरोसेमंद टेस्ट है, एक बर्तन में पानी भरें, अंडा उसमें डालें. अच्छा अंडा—तल में डूब जाएगा, खराब अंडा—पानी में तैरने लगेगा, यह इसलिए होता है क्योंकि खराब अंडे में गैस भर जाती है.
अंडा फोड़ने पर गंध जरूर सूंघें
अंडा फोड़ते ही अगर बदबू आए या अजीब सी स्मेल लगे, तो उसे बिल्कुल न खाएं, यह संकेत है कि अंडा सड़ चुका है और खाने पर फूड पॉइजनिंग हो सकती है.
जर्दी (Yolk) और सफेदी (White) की बनावट देखें
ताजा अंडे की जर्दी गोल और उभरी हुई होती है तथा सफेदी गाढ़ी होती है, अगर जर्दी चपटी है या सफेदी पानी जैसी बह रही है, तो अंडा पुराना हो सकता है.
अंडे का रंग बदल गया? सावधान!
कभी-कभी अंडे के अंदर हरेपन, गुलाबी रंग या धब्बे दिख सकते हैं, यह बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत है, ऐसे अंडे को तुरंत फेंक दें.
अंडा बाहर रखें या फ्रिज में? जानें सही तरीका
गर्मियों में और नमी वाले मौसम में अंडा जल्दी खराब होता है. इसलिए गरमी में फ्रिज में रखें, सर्दियों में बाहर भी चल सकता हैं, लेकिन ठंडी जगह पर हमेशा अंडे को फ्रिज के दरवाज़े में न रखें, वहां तापमान ज्यादा बदलता है.
खाने से पहले हमेशा अच्छी तरह पकाएं
अधपका या आधा-उबला अंडा साल्मोनेला बैक्टीरिया का खतरा बढ़ा सकता है, योक और व्हाइट दोनों पूरी तरह सख़्त होने तक पकाएं.
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