बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी राजनीतिक रूप से एक शक्तिशाली और प्रभावशाली चेहरा बने हुए हैं. उनके राजनीतिक सफर की गहराई और संगठनात्मक पकड़ ने उन्हें राज्य के महत्वपूर्ण नेतृत्व‑पदों तक पहुँचने में मदद की है. सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवंबर 1968 मे मगंर के लखनपुर में हुआ था. उनका परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है — उनके पिता शकुनी चौधरी छह बार विधायक और सांसद रह चुके हैं.
सम्राट चौधरी ने अपनी शिक्षा मदुरै कामराज विश्वविद्यालय में पूरी की. उनकी राजनीतिक यात्रा 1990 में शुरू हुई. बाद में उन्होंने कृषि मंत्री के रूप में राज्य सरकार में काम किया. उन्होंने दो बार पार्बट्टा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का पद संभाला. 2014 में उन्हें नगर विकास और आवास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
Nitish Kumar Miniter List: BJP-JDU से कौन-कौन मंत्री?
बीजेपी में भी उनका सफर लगातार बढ़ रहा है. मार्च 2023 में उन्हें बिहार बीजेपी का राज्य अध्यक्ष बनाया गया था, जो उनके ओबीसी (Koeri/Kushwaha) समर्थन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना गया. जनवरी 2024 में उन्हें BJP विधायी दल का नेता बनाया गया और उसी दिन उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्हें वित्त, स्वास्थ्य, शहरी विकास, पंचायती राज जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई. हालांकि उनका राजनीतिक सफर विवादों से भी अछूता नहीं रहा है.
Nitish Kumar Shapath Grahan LIVE: बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव, प्रेम कुमार होंगे विधानसभा अध्यक्ष, नए मंत्रियों की पूरी लिस्ट देखें!
विपक्ष पर उन्होंने भ्रष्टाचार और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है, वहीं खुद वे राजनीतिक विचारधारा के विरोध को स्वीकार करते हैं लेकिन व्यक्तिगत टकराव की कटुता पर नाराज़ भी दिखे हैं. चुनावी रणनीति के तहत, सम्राट चौधरी ने टारापुर (मंगेर) विधानसभा क्षेत्र से भी नामांकन दाखिल किया है. बिहार चुनाव 2025 में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण देखी जा रही है, क्योंकि उन्हें भाजपा का एक मजबूत ओबीसी चेहरा माना जाता है.
विश्लेषकों का मानना है कि अगर सम्राट चौधरी विकास‑मूलक नीतियां आगे बढ़ाते रहेंगे और संगठन के भीतर अपनी पकड़ बनाए रखेंगे, तो उनकी संभावनाएँ और मजबूत हो सकती हैं. लेकिन, उन्हें विरोधियों के आरोपों और प्रधान नेतृत्व संतुलन जैसी चुनौतियों का सामना भी करना है.

























