गिरिडीह : खनिज संपदा, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जिला
झारखंड के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित गिरिडीह जिला अपनी कोयला, अभ्रक (माइका), लोहा अयस्क और अन्य खनिजों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। गिरिडीह की भौगोलिक विविधता — पहाड़, जंगल, झरने, धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक धरोहर — इसे झारखंड के प्रमुख जिलों में एक विशेष पहचान देती है।
यह जिला जैन तीर्थस्थल पारसनाथ पहाड़ (श्री सम्मेद शिखर जी) के कारण धार्मिक पर्यटन का भी बड़ा केंद्र है। यहाँ की आर्थिक गतिविधियों में खनन और उद्योग का बड़ा योगदान है।
इस जिले का गठन 6 दिसंबर, 1972 ई. में हुआ था।
स्थिति:
स्थान: झारखंड के उत्तर-पूर्वी भाग में
प्रमंडल: उत्तर छोटानागपुर प्रमंडल (मुख्यालय — हज़ारीबाग़)
जिला मुख्यालय: गिरिडीह
स्थापना: 6 दिसंबर 1972 (हज़ारीबाग़ से अलग होकर)
सीमाएँ:
उत्तर: बिहार राज्य (जमुई जिला)
दक्षिण: बोकारो जिला
पूर्व: देवघर, जामताड़ा
पश्चिम: कोडरमा जिला
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: ~4,853 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 24,45,474
पुरुष: ~12,62,817
महिलाएँ: ~11,82,657
जनसंख्या घनत्व: ~504 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: ~937
साक्षरता दर: ~63.14%
पुरुष: ~75%
महिलाएँ: ~51%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: गिरिडीह (सामान्य)
विधानसभा क्षेत्र:
- गिरिडीह
- डुमरी
- बगोदर
- गांडेय
- जमुआ
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~9% (मुख्यतः संथाल, मुंडा, उराँव)
SC: ~13%
OBC: ~48%
अन्य: ~30% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी (मुख्य भाषा)
खोरठा
संथाली
बंगाली
नागपुरी
बोली: स्थानीय बोलियाँ
प्रमुख फसलें:
धान
गेहूँ
मक्का
चना
सरसों
सब्जियाँ
दलहन
कंद-मूल आधारित कृषि
प्रमुख नदियाँ:
उसरी नदी
बराकर नदी
पथराही नदी
अन्य छोटी धाराएँ व नाले
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
पारसनाथ पहाड़ (श्री सम्मेद शिखर जी) — जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ
उसरी जलप्रपात
खंडोली डैम और पर्यटन केंद्र
राजधनवार
बनासो जलप्रपात
जैन मंदिर, गिरिडीह शहर
अन्य स्थानीय मंदिर व धार्मिक स्थल
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
कोयला, अभ्रक (माइका), लौह अयस्क आधारित खनन उद्योग
इस्पात और सीमेंट उद्योग (कुछ क्षेत्रों में)
लघु व कुटीर उद्योग
ग्रामीण हस्तशिल्प
पर्यटन आधारित विकास
खंडोली टूरिज्म प्रोजेक्ट
शिक्षा:
गिरिडीह कॉलेज (विनोबा भावे विश्वविद्यालय से संबद्ध)
तकनीकी संस्थान
नवोदय विद्यालय
मॉडल स्कूल्स
अन्य CBSE / झारखंड बोर्ड के विद्यालय
संस्कृति और परंपराएँ:
प्रमुख लोक नृत्य: करमा, झूमर, आदिवासी नृत्य
प्रमुख पर्व: सरहुल, करमा, छठ पूजा, दीपावली, होली, रामनवमी, पारसनाथ महोत्सव
पारंपरिक मेले व हाट
जैन तीर्थ यात्राओं का वार्षिक आयोजन
आदिवासी लोकगीत व परंपराएँ
विशेषताएँ:
जैन धर्म का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ (पारसनाथ पहाड़)
कोयला और अभ्रक का बड़ा भंडार
औद्योगिक संभावनाएँ
प्राकृतिक पर्यटन स्थल (उसरी फॉल्स, खंडोली डैम)
खनिज आधारित अर्थव्यवस्था
उत्तर छोटानागपुर प्रमंडल का प्रमुख व्यापारिक जिला
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