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Ashutosh Kumar IFS: ईमानदारी को कर्म का धर्म मानने वाले प्रशासक की कहानी

Ashutosh Kumar - A Journey of Integrity, Excellence, and Service

Ashutosh Kumar – A Journey of Integrity, Excellence, and Service

देश की प्रशासनिक व्यवस्था में कुछ नाम ऐसे दर्ज होते हैं जो केवल पद या उपलब्धियों से नहीं, बल्कि अपने आचरण और दृष्टिकोण से पहचान बनाते हैं. अशुतोष कुमार ऐसा ही नाम हैं. 1991 बैच के IFS अधिकारी, जो आज भारत सरकार में विशेष सचिव (विजिलेंस एंड इंटेलिजेंस) के रूप में सेवा दे रहे हैं. तीन दशक से अधिक का उनका सफर बताता है कि जब प्रशासन में ईमानदारी और दूरदर्शिता साथ चलती है, तो व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है और बदलाव संभव होता है.

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तीन दशक की समर्पित सेवा
अशुतोष कुमार ने अब तक राज्य और केंद्र सरकार के कई अहम मंत्रालयों संसदीय कार्य, श्रम और रोजगार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, गृह मंत्रालय, ग्रामीण विकास, और रसायन एवं उर्वरक में योगदान दिया है. उन्होंने हमेशा प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता और मानव-संवेदना को प्राथमिकता दी, जिसे उनके सहयोगी एक “साइलेंट स्ट्रेंथ” के रूप में याद करते हैं.

उनका काम केवल देश की सीमाओं तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सहित ब्रिटेन, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर वे भारत की नीतिगत निष्ठा और विकास दृष्टिकोण के संवाहक बने. खाने के बाद पेट भारी और सूजा लगता है? तुरंत अपनाएं ये Tips

शिक्षा और निष्ठा दोनों में स्वर्ण पदक
छात्र जीवन से ही अशुतोष कुमार अपनी मेधा और मेहनत के लिए पहचाने जाते रहे हैं. निरंतर स्वर्ण पदक विजेता रहने वाले अशुतोष कुमार का मानना है कि सफलता ज्ञान से आती है, लेकिन महानता केवल ईमानदारी से. उनके इसी दृष्टिकोण ने उन्हें राष्ट्रपति पदक जैसे सम्मान से नवाजा.

युवाओं के लिए प्रेरणा
जो स्टूडेंट्स सिविल सेवा में जाने की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए अशुतोष कुमार एक प्रेरक व्यक्तित्व माने जाते हैं. वे अक्सर कहते हैं-

“ईमानदारी कोई विकल्प नहीं, बल्कि वह बुनियाद है जिस पर विश्वास और सफलता खड़ी होती है.”

उनके विचारों में अनुशासन, मेहनत और राष्ट्र सेवा के प्रति निष्ठा की भावना झलकती है. उनके अनुसार, “सच्चा नेतृत्व वहीं शुरू होता है जहाँ सुविधा समाप्त होती है और जिम्मेदारी शुरू होती है.”

अशुतोष कुमार का जीवन इस बात का उदाहरण है कि प्रशासनिक कार्य केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक प्रतिज्ञा है — राष्ट्र और समाज के प्रति ईमानदारी से निभाई जाने वाली आजीवन जिम्मेदारी.