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गलत Relationship में रहना प्यार नहीं, खुद को धीरे-धीरे तोड़ना है

आज के समय में लोग रिश्तों में टूटने से ज़्यादा डरते हैं, बजाय खुद के टूट जाने से अक्सर लोग एक ऐसे रिश्ते में फँसे रहते हैं. जो उन्हें प्यार से ज्यादा दर्द, और सुकून से ज़्यादा थकान देता है. विशेषज्ञों का कहना है कि गलत रिश्ते में लंबे समय तक टिके रहना, व्यक्ति को मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से अंदर तक तोड़ देता है.

प्यार और डर के बीच का फर्क
कई बार लोग सोचते हैं कि “मैं उसे छोड़ नहीं सकता, क्योंकि मैं उसे प्यार करता हूँ.” लेकिन असल में, यह प्यार नहीं, डर होता है — अकेले रह जाने का, तन्हाई का, या समाज के तानों का. यही डर धीरे-धीरे व्यक्ति को उस रिश्ते में कैदी बना देता है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे रिश्तों में व्यक्ति अपनी पहचान, आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास खोने लगता है.

टॉक्सिक रिश्ते का असर मानसिक स्वास्थ्य पर
लगातार ताने, कंट्रोल या इमोशनल ब्लैकमेल व्यक्ति के आत्मविश्वास को तोड़ते हैं. तनाव, अनिद्रा और चिंता (Anxiety) जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं. धीरे-धीरे व्यक्ति खुद को “अयोग्य” या “कमज़ोर” समझने लगता है, लंबे समय तक ऐसा रिश्ता डिप्रेशन तक ले जा सकता है.

क्यों छोड़ना मुश्किल होता है?
अक्सर लोग सोचते हैं कि “वो एक दिन बदल जाएगा” या “मुझसे बेहतर कोई नहीं मिलेगा.” यह सोच व्यक्ति को एक झूठी उम्मीद में बाँधे रखती है, लेकिन सच्चाई यह है कि गलत रिश्ता कभी सही नहीं बनता, चाहे आप उसमें कितना भी सही बनने की कोशिश करें.

कैसे पहचानें कि रिश्ता आपको तोड़ रहा है?
आप हमेशा थके, डरे या दुखी महसूस करते हैं, बात-बात पर गिल्ट या अपराधबोध दिलाया जाता है, आपके सपने और भावनाएँ नजरअंदाज की जाती हैं, आप खुद को पहले से कमज़ोर या असुरक्षित महसूस करते हैं, अगर इनमें से कुछ भी आपके रिश्ते में हो रहा है, तो समझिए — अब खुद को बचाने का वक्त आ गया है.

खुद को बचाने के कदम
पहचानें कि आप दुखी हैं, और यह आपकी गलती नहीं है, सीमाएं तय करें — कोई भी व्यक्ति आपकी आत्मा या इज्जत को चोट नहीं पहुंचा सकता. भरोसेमंद दोस्त या परिवार से बात करें, जरूरत पड़े तो काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद लें. याद रखें — रिश्ता नहीं, आपकी शांति ज्यादा जरूरी है.

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