कार्तिक पूर्णिमा की पावन तिथि पर मनाई जाने वाली देव दीपावली को भगवानों की दीपावली कहा जाता है. इस दिन गंगा तट दीपों की रोशनी से जगमगाते हैं और वातावरण में भक्ति, श्रद्धा और दिव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. मान्यता है कि इस दिन स्वयं देवता स्वर्ग से उतरकर गंगा स्नान करने आते हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश आप गंगा घाट नहीं जा पा रहे हैं, तो निराश होने की जरूरत नहीं है. शास्त्रों के अनुसार, घर में कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से भी वही पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो गंगा स्नान और घाट पूजा से मिलता है.
घर बैठे करें ये उपाय
मुख्य द्वार पर जलाएं पहला दीपक: यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराता है और दरिद्रता को दूर करता है. दीपक में शुद्ध घी का प्रयोग करें.
तुलसी के पौधे के पास दूसरा दीपक रखें: तुलसी देवी के समीप दीपक जलाने से घर में सुख-शांति बढ़ती है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है.
घर के पूजास्थल में दीपक अवश्य जलाएं: यह दीपक देवताओं को समर्पित होता है और परिवार की उन्नति का प्रतीक माना जाता है.
रसोईघर में दीपक जलाएं: अन्नपूर्णा देवी की कृपा पाने के लिए रसोई में दीपक जलाना शुभ होता है, इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती.
छत या बालकनी में दीपक रखें: यह दीपक पर्यावरण और दिशा देवताओं को समर्पित होता है, कहते हैं कि इससे समस्त दिशाओं से सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है. शुभ मंत्र का जाप करें “ॐ नमो गंगे देवि नमः” इस मंत्र का 11 या 21 बार जप करने से गंगा माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और पापों का नाश होता है.
आस्था का संदेश
देव दीपावली केवल दीप जलाने का पर्व नहीं, बल्कि अंधकार से प्रकाश की यात्रा का प्रतीक है, इस दिन का उद्देश्य अपने भीतर के अंधकार—अज्ञान, नकारात्मकता और अहंकार—को मिटाकर दिव्यता और सद्भावना का प्रकाश फैलाना है. घर में श्रद्धा और विश्वास के साथ दीपक जलाने से न केवल वातावरण पवित्र होता है, बल्कि जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और शांति का भी वास होता है.
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