Advertisement

Kartik Purnima पर गंगा स्नान करते समय ये एक काम जरूर करें

कार्तिक मास की पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में सबसे पवित्र तिथियों में से एक माना जाता है, इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किया गया एक छोटा सा सत्कर्म भी हजार गुना फल देता है.

क्यों खास है कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन मत्स्य अवतार लिया था, इसीलिए इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और दान-पुण्य का अत्यधिक महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन प्रातःकाल गंगा स्नान करते हैं, उन्हें न केवल शारीरिक शुद्धि बल्कि आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है.

स्नान के समय ये एक काम जरूर करें
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गंगा स्नान के दौरान ‘गंगा स्तोत्र’ या ‘गंगा जल महामंत्र’ का जप अवश्य करना चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है —“ॐ नमः गंगे, माता गंगे नमः।” या “ॐ ह्रीं श्रीं गंगे नमः।” इस मंत्र का जप करते हुए जब श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते हैं, तो माना जाता है कि उनके पाप धुल जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

दीपदान और दान का महत्व
स्नान के बाद गंगा तट पर दीपदान करना अत्यंत शुभ माना गया है. एक छोटा दिया जलाकर गंगा मैया को समर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, इसके साथ ही गरीबों को भोजन, वस्त्र या दान देना भी अनंत पुण्य प्रदान करता है.

किस समय करें स्नान
शास्त्रों के अनुसार, ब्राह्ममुहूर्त (सुबह 4:30 से 5:30 बजे के बीच) का समय गंगा स्नान के लिए सबसे उत्तम है, इस समय किया गया स्नान और जप सहस्र गुना फल देता है.

ये भी पढ़े- Tuesday को भूलकर भी ना करें ये गलती, नहीं तो नाराज होंगे बजरंगबली!