आज सोमवार का दिन है, हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है. शास्त्रों में बताया गया है कि यदि सच्चे मन से भोलेनाथ की आराधना की जाए तो वे शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. भगवान शिव की पूजा में जल, बेलपत्र, दूध और भस्म के साथ काले तिल (Black Sesame Seeds) का विशेष महत्व बताया गया है
काले तिल का धार्मिक महत्व
काले तिल को शुद्धता, शक्ति और पवित्रता का प्रतीक माना गया है, ऐसा कहा जाता है कि ये तिल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से उत्पन्न हुए, इसलिए शिवलिंग पर इन्हें चढ़ाने से शिव और विष्णु दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त होती है.
काले तिल चढ़ाने का सही तरीका
सोमवार या प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद शिवालय जाएं, तांबे या मिट्टी के पात्र में जल भरें और उसमें काले तिल मिलाएं, इस मिश्रित जल से शिवलिंग का अभिषेक करें, अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें, पूजा के बाद दीपक जलाएं और बेलपत्र, दूध व भस्म भी अर्पित करें.
काले तिल चढ़ाने के लाभ
पापों से मुक्ति: माना जाता है कि काले तिल से अभिषेक करने पर जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
धन की प्राप्ति: तिल अर्पित करने से घर में समृद्धि और धन का आगमन होता है.
दांपत्य जीवन में सुख: जोड़े मिलकर शिवलिंग पर तिल चढ़ाएं तो वैवाहिक जीवन में सौहार्द बढ़ता है.
मन की शांति: यह उपाय तनाव, चिंता और मानसिक अशांति को दूर करता है.
कर्म शुद्धि: शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है.
ध्यान रखें ये बातें
कभी भी शिवलिंग पर तिलक, सिंदूर या हल्दी न चढ़ाएं, तिल हमेशा शुद्ध, बिना टूटे और ताजें होने चाहिए, पूजा के बाद चढ़े हुए तिल को नदी या बहते जल में प्रवाहित करें.
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