सनातन शास्त्रों हर तिथि का खास महत्व बताया गया है, जिसमें पूर्णिमा तिथि भी शामिल है, कार्तिक माह में कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रीहरि की उपासना करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है, इस दिन गंगा स्नान करने के बाद अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है.
तिथि व मुहूर्त
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025 (बुधवार) को है,पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 नवंबर 2025 रात 10:36 बजे के बाद है और समाप्ति 5 नवंबर को शाम तक है. अतः सबसे शुभ स्नान व दीपदान का समय उसी दिन यानी 5 नवंबर को माना जाता है.
गंगा स्नान और दीपदान का महत्व
कार्तिक माह में गंगा नदी में स्नान करना विशेष पुण्यदायी माना गया है कहा जाता है कि इस स्नान से पापों का नाश होता है और मोक्ष के मार्ग खुलते हैं.
दीपदान — अर्थात् दीपक जलाना, विशेष रूप से गंगा घाटों, तुलसी के आसपास, मंदिरों में इस दिन का मुख्य श्राद्ध कर्म माना जाता है.

स्नान और दीपदान के सुझावित समय
स्नान के लिए सबसे अच्छा समय होता है सूर्योदय से पहले या प्रातःकालीन समय — इसलिए गंगा घाटों पर सुबह जल्दी पहुँचना शुभ होगा. दीपदान के लिए संध्या समय (सूर्यास्त के बाद) या चंद्रोदय के समय बहुत उपयुक्त माना गया है.
कहां जाएं और क्या करें
प्रमुख गंगा घाट जैसे वाराणसी (काशी), हरिद्वार, गर्भमुखेश्वर आदि पर भारी श्रद्धालु उपस्थित होंगे, जल में प्रवेश करते समय श्रद्धापूर्वक “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”, “ॐ नमः शिवाय” जैसे मंत्र जाप करना लाभदायी माना गया है. दीपदान करते समय गंगा घाट पर मिट्टी के दीपक, तिल का तेल/घी, तुलसी या खच्चर का पत्ते आदि साथ ले जाना लाभदायक है.
ध्यान देने योग्य बातें
स्नान से पहले घाटों की व्यवस्था देखें – पानी की गति, गहराई एवं जल-शुद्धता.
दीपदान के समय सावधानी बरतें — घाटों पर सुरक्षा वड़ियाँ, भीड़ लग सकती है.
निजी वस्तुओं की रक्षा करें, भीड़भाड़ वाले समय में विशेष सतर्क रहें.
यदि किसी कारणवश नदी स्नान संभव नहीं है, तो घर पर गंगा जल लेकर पूजन एवं दीपदान करें — इसकी भी धार्मिक मान्यता है.
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