पटना में सियासी हलचल तब बढ़ गई जब चुनाव आयोग ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को नोटिस भेजा. आरोप है कि पीके का नाम दो राज्यों — बिहार और पश्चिम बंगाल — की वोटर लिस्ट में एक साथ दर्ज है. आयोग ने उनसे इस पर तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है.
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सासाराम के करगहर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार की मतदाता सूची के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी दर्ज पाया गया. नियमों के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक समय में सिर्फ एक राज्य की वोटर लिस्ट में नाम रख सकता है.
इस पूरे विवाद पर बीजेपी ने प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला बोला है. बीजेपी के नेता नीरज कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, प्रशांत किशोर का नाम बिहार और बंगाल, दोनों जगह की वोटर लिस्ट में दर्ज होना मामूली चूक नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध है. यह निर्वाचन आयोग के नियमों का उल्लंघन और लोकतंत्र को ठगने वाली चालबाजी है.
नीरज कुमार ने यह भी सवाल उठाया कि प्रशांत किशोर ने अपना पंजीकृत पता तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दफ्तर को क्यों बना रखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह “TMC के साथ गुप्त साजिश” और “बिहार चुनाव को कमजोर करने की साजिश” का हिस्सा हो सकता है.
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बीजेपी ने चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की गहन जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है. उधर, जनसुराज की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.


























