बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासत में एक और बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. शनिवार रात जनता दल (यूनाइटेड) के निवर्तमान जिलाध्यक्ष और मढौरा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी अल्ताफ आलम राजू ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया. उन्होंने तेजस्वी प्रसाद यादव के पटना स्थित आवास पर राजद की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर मढौरा के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र यादव भी मौजूद थे.
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राजद में अल्ताफ आलम के शामिल होने को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इससे राजद को मढौरा में मजबूती मिलेगी और जितेंद्र यादव को एक सशक्त सहयोगी भी.
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अल्ताफ आलम राजू वर्ष 2020 में जदयू के टिकट पर मढौरा से चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार एनडीए गठबंधन के तहत यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को दे दी गई थी और अभिनेत्री सीमा सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया था. टिकट कटने से नाराज होकर अल्ताफ आलम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था. हालांकि, नामांकन की जांच के दौरान सीमा सिंह और अल्ताफ आलम दोनों के नामांकन पत्र रद्द हो गए थे, जिससे क्षेत्र की सियासत में हलचल तेज हो गई थी.
शनिवार को जहां निर्दलीय प्रत्याशी अंकित कुमार सिंह को एनडीए समर्थित दलों का समर्थन मिला, वहीं देर रात अल्ताफ आलम राजू ने राजद ज्वाइन कर लिया.
राजद में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि वे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में “विकास और सामाजिक न्याय” की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे. पार्टी नेताओं का मानना है कि राजू के अनुभव और जनाधार से मढौरा में राजद की स्थिति और मजबूत होगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में यह नया समीकरण क्या रंग लाता है.


























