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Sitapur में Farmers पर जुर्माना, Stubble Burning पर प्रशासन ने लगाई रोक

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में प्रशासन ने पराली जलाने के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है. महमूदाबाद तहसील क्षेत्र में सात किसानों पर कुल ₹17,500 का जुर्माना लगाया गया है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कराकर किसानों को पराली न जलाने की शपथ दिलाई गई ताकि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सके.

किसानों पर रकबे के अनुसार लगाया गया जुर्माना

महमूदाबाद उपजिलाधिकारी बालकृष्ण सिंह ने बताया कि बीते कुछ दिनों से तहसील क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं. सूचना मिलने पर तहसील प्रशासन और कृषि विभाग की संयुक्त टीमों ने स्थलीय निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान पराली जलाने की पुष्टि होने पर निम्न किसानों पर जुर्माना लगाया गया —चन्द्रभाल सिंह पुत्र प्यारेलाल, निवासी मझगवां मऊ उनेरा, रामनक्षत्र सिंह पुत्र राजाराम, निवासी देवरिया, मोहनलाल पुत्र सूरज बली, निवासी कहारपुर मऊ खाफा, फूलचन्द्र, निवासी अतरौली मऊ सिहारुखेड़ा, रामलखन पुत्र काशीराम, निवासी मितौरा, सुमेरी पुत्र उंगालाल, निवासी मोहम्मदपुर कदीम, इन सभी किसानों पर उनके खेत के रकबे के अनुसार जुर्माना तय किया गया है.

राजस्व कर्मियों को सख्त चेतावनी और दिशा-निर्देश

तहसील प्रशासन ने संबंधित ग्रामों के राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों को कड़ी चेतावनी जारी की है, साथ ही निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में मुनादी कराकर पराली जलाने के विरुद्ध लोगों को जागरूक करें. विकास खंड अधिकारियों को भी आदेश दिया गया है कि वे ग्राम विकास अधिकारियों एवं पंचायत सहायकों को निर्देशित करें कि गांवों में किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करें.

किसानों से अपील — पराली न जलाएं, पर्यावरण बचाएं

उपजिलाधिकारी बालकृष्ण सिंह ने किसानों से अपील की कि वे धान की कटाई के समय फसल को जड़ से कटवाएं और पराली जलाने से बचें, उन्होंने कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, साथ ही इससे मिट्टी की उर्वरता भी घटती है. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में किसी किसान के विरुद्ध पराली जलाने की घटना पाई गई,
तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सतर्कता और जनजागरूकता से ही रुकेगा प्रदूषण

पराली जलाने से निकलने वाला धुआं न केवल स्थानीय स्तर पर प्रदूषण फैलाता है, बल्कि इससे दिल्ली-एनसीआर और अन्य क्षेत्रों में भी वायु गुणवत्ता पर असर पड़ता है, इसी को देखते हुए सीतापुर प्रशासन ने गांव-गांव में जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि किसान पर्यावरण के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य की भी रक्षा कर सकें.

रिपोर्ट-आशीष निषाद

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