क्या आप जानते हैं कि घर में पीतल की मछली रखना सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि एक शुभ और सौभाग्य लाने वाला वास्तु उपाय माना जाता है? हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र दोनों में मछली को समृद्धि, धन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक बताया गया है, खासकर पीतल से बनी मछली तो लक्ष्मी जी की कृपा पाने का एक खास माध्यम मानी जाती है.
वास्तु में मछली का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मछली जल तत्व का प्रतिनिधित्व करती है. यह तत्व शांति, समृद्धि और जीवन ऊर्जा (प्राण) से जुड़ा हुआ है. मछली की आकृति को घर में रखना घर के वातावरण को सकारात्मक और ऊर्जावान बनाता है, कहा जाता है कि जिस घर में मछली का प्रतीक मौजूद होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभाव टिक नहीं पाते.
पीतल की मछली क्यों होती है विशेष
पीतल (Brass) स्वयं में एक शुभ धातु मानी जाती है, इसमें सूर्य और गुरु ग्रह का प्रभाव होता है, जो धन, बुद्धि और भाग्य से संबंधित हैं. जब मछली जैसी शुभ आकृति पीतल की धातु में बनाई जाती है, तो यह धनवृद्धि और सौभाग्य को कई गुना बढ़ा देती है, कहा जाता है कि पीतल की मछली रखने से घर में स्थायी धन और मानसिक शांति दोनों आती हैं.
कहां रखें पीतल की मछली
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार — पीतल की मछली को घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ होता है, इसे लिविंग रूम, ड्रॉइंग रूम या ऑफिस टेबल पर रखने से पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ता है, अगर इसे पानी से भरे बाउल में रखा जाए, तो यह और भी अधिक ऊर्जावान प्रभाव देती है.
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