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त्योहार पर यात्रियों की परेशानी: बसें फंसी, ट्रेनें लेट!

मुरादाबाद: त्योहारी सीजन में जहां हर कोई अपने घर लौटने की कोशिश में है, वहीं यात्रियों के लिए सफर किसी जंग से कम नहीं रहा. दिवाली और भैया दूज पर घर लौटने के लिए लोगों की भीड़ ने बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर अफरा-तफरी मचा दी. परिवहन निगम और रेलवे विभाग ने पहले से ही पूरी व्यवस्था करने के दावे किए थे, लेकिन सहारा समय डिजिटल की पड़ताल में ये दावे पूरी तरह बेमानी साबित हुए.

बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली. सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों और गोद में बच्चों वाली महिलाओं को झेलनी पड़ी, जो घंटों इंतजार के बाद भी बसों और ट्रेनों में सीट नहीं पा सकीं.

बसों के फेरे बढ़ाने के दावे धरे रह गए, मुसाफिरों को करनी पड़ी मशक्कत

परिवहन निगम की ओर से दावा किया गया था कि त्योहारी सीजन में बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे और किसी यात्री को असुविधा नहीं होगी, मगर हकीकत में यात्रियों को घंटों इंतजार के बाद भी बसें नहीं मिलीं. कई यात्री व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए स्टेशन परिसर में ही रात गुजारने को मजबूर हो गए.

रेलवे स्टेशनों पर भी हालात कुछ अलग नहीं थे. लंबी दूरी की ट्रेनों में घंटों की देरी से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. यात्रियों ने आरोप लगाया कि त्योहारों के मौके पर अतिरिक्त ट्रेनें नहीं चलाई गईं, जिससे भीड़ और अव्यवस्था और बढ़ गई.

“व्यवस्था के नाम पर बस वादे” — यात्रियों ने जताई नाराजगी

यात्रियों ने कहा कि त्योहारों पर घर लौटना अब सुखद अनुभव नहीं रहा, बल्कि एक बड़ी कठिन परीक्षा बन गया है लोगों ने सरकार और विभागों से मांग की कि त्योहारों के दौरान अतिरिक्त बसें और ट्रेनें चलाने के व्यवहारिक इंतजाम किए जाएं,
ताकि आम जनता को राहत मिल सके.

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