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क्यों कहा जाता है हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और बुद्धि का देवता? जानें कारण

हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को असीम शक्ति, अटूट भक्ति और अद्वितीय बुद्धि का प्रतीक माना गया है, उन्हें “संजीवनी लाने वाले”, “राम भक्त हनुमान” और “पवनपुत्र” जैसे नामों से भी जाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और बुद्धि का देवता कहा जाता है? आइए जानते हैं इस रहस्य को.

हनुमान जी — अजेय शक्ति के प्रतीक
हनुमान जी के शरीर में अपार बल का वास था। बाल्यकाल में ही उन्होंने सूर्यदेव को फल समझकर निगल लिया था. रामायण में उन्होंने समुद्र पार कर लंका पहुंचने, पर्वत उठाने और रावण की सेना को पराजित करने जैसे अद्भुत कारनामे किए, उनकी शक्ति केवल शारीरिक नहीं थी — वह आत्मबल और साहस का भी प्रतीक है, इसलिए हनुमान जी को “अपराजेय वीर” और “बल के सागर” कहा गया है.

श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति का प्रतीक
हनुमान जी की सबसे बड़ी पहचान उनकी निष्काम भक्ति है, उन्होंने श्रीराम की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया. जब मां सीता ने उनसे पूछा कि तुम्हें क्या चाहिए, तो उन्होंने कहा “भक्ति देहु राम की अति लोभा, अन्य न मागौं कछु प्रभु सोभा.” हनुमान जी ने संसार को सिखाया कि सच्ची भक्ति वही है, जिसमें स्वार्थ न हो, उनकी भक्ति न केवल समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ईश्वर तक पहुँचने का सबसे सरल मार्ग भक्ति है.

बुद्धि, विवेक और ज्ञान के दाता
हनुमान जी न सिर्फ शक्तिशाली योद्धा थे, बल्कि महान विद्वान और नीति के ज्ञाता भी थे, वाल्मीकि रामायण में उन्हें नव व्याकरणों के ज्ञाता बताया गया है. भगवान राम स्वयं कहते हैं “तुम्हारी बुद्धि, बल और ज्ञान तीनों संसार में अनुपम हैं.” इसी कारण विद्यार्थी और ज्ञान की तलाश करने वाले लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं ताकि उन्हें बुद्धि, विवेक और स्मरणशक्ति की प्राप्ति हो.

त्रिदेवों से मिले वरदान
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी को त्रिदेवों — ब्रह्मा, विष्णु और शिव से विशेष वरदान मिले थे, शिव ने उन्हें अपनी शक्ति, विष्णु ने भक्ति, और ब्रह्मा ने अद्भुत बुद्धि का वरदान दिया, इसी कारण कहा जाता है कि हनुमान जी में शक्ति (शिव), भक्ति (विष्णु) और बुद्धि (ब्रह्मा) तीनों का संगम है.

हनुमान पूजन से मिलती है साहस और संतुलन
कहा जाता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से मंगलवार या शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसके जीवन से भय, नकारात्मकता और आलस्य दूर होते हैं. मन में आत्मविश्वास, साहस और एकाग्रता बढ़ती है. हनुमान जी की आराधना करने से न केवल शारीरिक बल, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है.

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