महिलाओं में मासिक धर्म का समय पर न होना यानी पीरियड्स का लेट आना एक सामान्य समस्या हो सकती है. लेकिन अक्सर इसे हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, पीरियड्स में देरी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है.
ये हैं 5 गंभीर बीमारियां
थायरॉयड की समस्या- थायरॉयड ग्लैंड के असंतुलन से हार्मोन प्रभावित होते हैं, इसके कारण मासिक धर्म में अनियमितता या देरी हो सकती है, इसके अन्य लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना या कम होना और बाल झड़ना शामिल हैं.
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)- पीसीओएस में महिलाओं में अंडाशय में छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं. इसका असर मासिक धर्म पर पड़ता है और पीरियड्स लेट या अनियमित हो सकते हैं.
प्रजनन संबंधी समस्याएं- एंडोमेट्रियोसिस या गर्भाशय की अन्य बीमारियाँ भी मासिक धर्म में देरी का कारण बन सकती हैं,कभी-कभी गर्भधारण की समस्या भी इसी वजह से सामने आती है.
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य- अत्यधिक तनाव, चिंता या डिप्रेशन हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं, इसके परिणामस्वरूप पीरियड्स लेट या कम मात्रा में हो सकते हैं.
डायबिटीज और वजन संबंधी समस्याएं- मोटापा या अधिक वजन तथा मधुमेह जैसी बीमारियां हार्मोन पर असर डालती हैं, इससे मासिक धर्म अनियमित या लेट हो सकता है.
अन्य सुझाव
1. अगर पीरियड्स लगातार दो से तीन महीने तक लेट हो रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
2. संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
3. तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद अपनाएं.
4. पीरियड्स लेट होने को सिर्फ सामान्य बदलाव न मानें, यह कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, जिसे समय पर पहचानना और उपचार कराना जरूरी है.
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